स्मृति शेष: दिलीप कुमार जब आए थे होशंगाबाद…

Post by: Poonam Soni

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स्मृति शेष: दिलीप कुमार (Dilip Kumar) जब आए थे होशंगाबाद (Hoshangabad) …

पंकज पटेरिया। पुण्य सलिला मां नर्मदा जी की गोद मे स्थित तीर्थ नगर होशंगाबाद साधुसंत महाऋषियो की आदि काल से साधना स्थली रही है। इसके अलावा खूब सूरत हरी भरी वादियों सुकून भरे खुशनुमा मंजरो के कारण फिल्म स्टार्स को भी आकर्षित करती रही है।

Naya Daur (1957)
Dilip Kumar & Vyjayanthimala in Naya Daur (1957)

दो साल पहले मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार (Film Actor Akshay Kumar) होशंगाबाद अपनी फिल्म की शूटिंग करने आए थे। ऐसे ही यह सिलसिला पिछले तीन दशक पहले शुरू हुआ था। बुधनी (Budhani) मे दिलीप कुमार साहब (Dilip Kumar),  वैजयंती माला (Vyjayanthimala) की प्रसिद्ध फिल्म नया दौर (Naya Dour – 1957) की शूटिंग हुई थी। तब तांगे की रेस के लिए इटारसी भोपाल, होशंगाबाद से तागें वाले बुलाए गए थे। शूटिंग देखने बैतूल गड़रवारा, रायसेन तक के लोग अपने प्रिय अभिनेता दिलीप साहब और वैजयंती माला को देखने उमड़ पड़े थे। कुछ साल पहले दिवगंत हुए शौकत चाचा तांगे वाले ने कई दिलचस्प किस्से उस दौर के सुनाए थे। कैसे दिलीप अजीज, जीवन, वैजयंती माला जी सहित पूरी यूनिट के लोग आम लोगो से प्यार अपनेपन से मिलते थे। आने जाने का साधन उन दिनों सिवाय रेलपुल के कुछ नहीं था। नाव के आलावा कई जाबाज नोजबान नर्मदा जी तैरकर सूटिंग देखने उस पार बुधनी गए थे।

चुनाव दौर मे भी सिने अभिनेताओ को राजनेता प्रचार प्रसार के लिए बुलाते रहे है। ऐसे ही संभवत 70 के दशक में एक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रत्याशी बाबू, नीति राज सिंह चैधरी के समर्थन मे एक जनसभा को संबोधित करने दिलीप कुमार जी (Dilip Kumar) और हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर (Johny Walker) होशंगाबाद आए थे। गुप्ता ग्राउंड में विशाल सभा हुई थी। मैं दैनिक भास्कर संवाददाता था, और कवरेज लिए गया था। सफेद स्टेंड कालर का बुशर्ट पेंट और खुश मिजाज हंसते मुस्कुराते अंदाज मे मेरे अभिवादन में आदाब कर बड़े सलीके से उन्होंने हाथ मिलाते कहा था। आप अखबार नवीश है, बहुत खूबसूरत बड़ा नेक और पाकीजा काम है, कीजिए वतन को जरूरत है। मै तो अभिभूत हो गया था। मेरे फोटोग्राफर मित्र पंकजमोहन जमनानी ने फोटो लिए थे। तात्कालिक कांग्रेस के छोटे बड़े नेता उस सभा में मौजूद थे। अरसा हो गया लेकिन अभिनय सम्राट ट्रेजीडी किंग दिलीप साहब का बह मुस्कुराता चेहरा जानी बाकर जी के हंसी ठिठोली भरी चिटकती फुलझड़ीया आज भी मेरी यादों की दिवाली है। ईश्वर उन्हे अपनी शरण में ले।

pankaj pateriya

पंकज पटेरिया, वरिष्ठ पत्रकार कवि होशंगाबाद
9340244352, 9408505691

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