कोविड के गिरते ग्राफ को देखकर न गिरा दें मास्क, अभी तो आना है मार्च

Post by: Rohit Nage

पीछे की तरफ देखकर समझें, जियें आगे की तरफ : सारिका

इटारसी। अतीत की गलतियों और वतर्मान की चुनौतियों का विश्लेषण करके ही सुरक्षित भविष्य का निधार्रण हो सकता है। कोविड (Kovid) से बचाव के लिये इतिहास के बारे में कहा जाने वाला यह तथ्य सटीक सिद्ध हो सकता है।

यह बात नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने कोविड जागरूकता कार्यक्रम में कही। सारिका ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम (Manoj Sariam) के मार्गदर्शन में किया गया। सारिका ने चार्ट (chart) की मदद से बताया कि अगर हम फरवरी 2021 के समाचार पत्रों की हैडलाईन (headline) पर नजर डालें तो उस समय कोविड की विदाई के संकेत देने वाले सुखद समाचार थे। फरवरी समाप्त होते-होते विशेषज्ञों की चेतावनी आने लगी। मार्च के पहले सप्ताह में नाईट कफ्र्यू (night curfew) की तैयारी तो दूसरे सप्ताह में क्वारेंटाईन (quarantine) करने की बात कही जाने लगी।

तीसरे सप्ताह में सिनेमाघर बंद हुये तो अंतिम सप्ताह में आईसीयू बेड फुल (ICU bed full) होने के समाचार थे। सारिका ने कहा कि चूंकि 2022 में अधिकांश आबादी को वैक्सीन (vaccine) की दोनों डोज लग चुकी है, लेकिन वायरस के नये म्यूटेंट ( mutant) के बारे में कोई सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। भारतीय मौसम की परिस्थितियों में वायरस (virus) के व्यवहार को समझने मार्च का सावधानी से इंतजार करना चाहिये। इसलिये 2021 से समझें कोविड के व्यवहार को और मास्क और टीके के साथ तैयारी करें मार्च 2022 की।

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