: Manju Thakur –
चुनावी वर्ष में तबादले की प्रक्रिया स्वभाविक है। निर्वाचन आयोग ऐसे अधिकारियों को बदलने की अनुशंसा करता है, जिन्होंने अपने पदस्थापना स्थल पर तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हों, उससे अधिक समय हो गया या इसके आसपास का समय चल रहा हो। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत शहर से तीन ऐसे अधिकारियों का तबादला हो गया है, जिनका कार्यकाल बेहतर रहा है।
वैचारिक मतभेद, मतभिन्नता या सबको संतुष्ट नहीं कर पाने जैसी चीजें सार्वजनिक जीवन में होना स्वभाविक है, इन सबको छोड़ दें तो तीनों अधिकारियों के कार्यकाल का कोई ऐसा हिस्सा नहीं रहा है, जो किसी बड़े विवाद में रहा हो।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मदन सिंह रघुवंशी, टाउन इंस्पेक्टर रामस्नेह चौहान और सीएमओ श्रीमती हेमेश्वरी पटले। इस त्रिमूर्ति का कोरोना काल में किया कार्य बेहद अच्छा रहा है। स्वयं कोरोना से पीडि़त होने के बाद ठीक होने के तत्काल बाद मैदान में आ जाना, सेवाभाव का प्रकट करता है और एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने इसे करके लोगों के दिल में अपने लिए जगह बनायी है। सहज, सरल, सहयोगी स्वभाव भी उनको लोगों के निकट रखता रहा है। बात अतिक्रमण हटाने की रही हो, सबकी बात सुनी गयी। दूषित खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान शुद्ध के लिए युद्ध में उन्होंने एक किराना कारोबारी के यहां से एक्सपायरी डेट की बच्चों की खाने की चीजें बड़ी मात्रा में पकड़ी तो नकली घी के कारोबार का भांडाफोड़ किया। आमजन से जुड़ी समस्या पट्टों की समस्या को हल किया जो वर्षों से हो नहीं पा रही थी। ऐसे और भी कई कार्य हैं जो इस शहर के लोगों की स्मृति पटल पर अंकित हैं।
सीएमओ श्रीमती हेमेश्वरी पटले, इटारसी नगर पालिका की पहली महिला मुख्य नगर पालिका अधिकारी रहीं। काम के प्रति समर्पित और कार्यालय में काम के लिए अनुशासित सख्त मिजाजी के कारण कर्मचारी न सिर्फ कुर्सियों पर मिलने लगे बल्कि शाम 5.30 बजे तक उपस्थिति भी रहने लगी। उनके कार्यकाल में स्वच्छता के क्षेत्र में शहर की रैंकिंग सुधरी ही है। जहां वर्ष 2020 में स्वच्छता में इटारसी की रैंकिंग स्टेट में 74 थी, वर्ष 2021 में इसमें सुधार हुआ और जोन में 49 वॉ स्थान मिला। 2022 में जोन में 31 वॉ स्थान बनाकर देश के कई शहरों को कड़ी टक्कर दी। इसके साथ ही ओडीएफ डबल प्लास का दर्जा मिलने के साथ ही जीएफसी स्टार रेटिंग में 1 स्टार सिटी का दर्जा भी मिलना शहर के लिए गौरव की बात रही। स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के उद्देश्य से कचरे का प्रभावी ढंग से संसाधित और प्रबंधित करने की पहल, अत्याधुनिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित होना जैसे कार्य उल्लेखनीय रहे। एक सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी उपलब्धि, बस स्टैंड की भूमि का मिलना रहा, जिसके लिए लंबे प्रयास हुए।
इन दो अधिकारियों के कार्यकाल में दो ऐसे उल्लेखनीय कार्य हुए जो वर्षों से सपना लग रहे थे। पहला तो त्योहारी बाजार को सुव्यवस्थित करना और दूसरा गांधी मैदान की दीवार और नाली का निर्माण होना। सीएमओ श्रीमती पटले के कार्यकाल में गांधी मैदान में महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था होना भी बड़ी उपलब्धि है। इटारसी में एस्ट्रोटर्फ का सपना भी इनके बिना पूरा होना संभव नहीं था। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने जो राजनैतिक प्रयास किये, उन प्रयासों को आगे इन अधिकारियों ने बढ़ाया।
शहर में त्योहारों पर शांति व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है तो अन्य व्यवस्थाएं करना स्थानीय प्रशासन के जिम्मे होता है। शांति पूर्ण चुनाव संपन्न कराने में थाना प्रभारी रामस्नेह चौहान की महती भूमिका रही। टीआई रामस्नेह चौहान के कार्यकाल में सुरक्षा के लिहाज से व्यवस्थाएं अच्छी थीं। अपराधों की रोकथाम के अलावा हो चुके अपराधों का तेजी से अनुसंधान, आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में उनका कार्यकाल बेहद अच्छा रहा है। चोरियां हुईं तो आरोपी पकड़े भी गये, हत्याएं हुईं तो पुलिस की भूमिका सराहनीय भी रहीं। स्वयं पुलिस ने आगे रहकर घायलों का उपचार कराया, अपराधियों के घरों पर चले बुलडोजर जैसी कार्रवाई में तीनों अधिकारियों का गजब का तालमेल रहा।
और इस तरह तीन सालों में हर व्यवस्था देखें तो इस त्रिमूर्ति का कार्यकाल बेहद अच्छा और स्मरणीय माना जा सकता है।