Editorial : मतदान है आपका अधिकार, आपका एक वोट कर सकता चमत्कार

Post by: Manju Thakur

भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी भी मतदाता का यह मूल अधिकार है कि वह बिना किसी डर, दबाव या जोर-जबरदस्ती के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें। इस वजह से मतदाता की पहचान को सुरक्षित रखना और गोपनीयता मुहैया कराना स्वतंत्रत और निष्पक्ष निर्वाचन का अभिन्न अंग है और ऐसा न करना मतदान करने और न करने वाले में भेदभाव है जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 19 (1)(ए) और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
मतदान करना किसी भी लोकतांत्रित देश में अहम होता है, क्योंकि एक वोट का भी बड़ा महत्व होता है। चुनावों में एक वोट से ही चमत्कार हो जाता है।
हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मालिक हैं, अपनी इस अमूल्य निधि को बचाना भी हमारा कर्तव्य है। यही कारण है कि हमें अपनी खुद की सरकार चुनने का मौका लोकतंत्र के माध्यम से मिलता है। यदि हम मतदान नहीं करते हैं, सरकार चुनने में भागीदार नहीं है तो फिर हमें सरकारों से शिकायत करने का भी अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह उनके लिए क्या कर रही है। क्योंकि जब आपके हाथ में अपनी मर्जी की सरकार और जनप्रतिनिधि चुनने का मौका रहता है तो आप उसे छुट्टी का दिन मानकर घर में आराम करते या फिर पिकनिक आदि में गंवा देते हैं। यदि आप इसे अपना हक मानते हैं तो उसे प्राप्त भी कीजिए। आपका हक आपने साथ हो तो आप इसके इस्तेमाल से अपनी मर्जी की सरकार बनाएं, मर्जी का जनप्रतिनिधि चुनें और अपेक्षा में खरा नहीं उतरने पर पूरे हक से सवाल करें।
हम भारत के नागरिक हैं और लोकतंत्र में अपने पूर्ण आस्था रखकर देश की लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाए रखना भी हमारा फर्ज है। स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से निर्वाचन की गरिमा को अक्षूण्ण रखते हुए निर्भीक होकर धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा व अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। लोकसभा चुनाव सामने हैं और आपका एक-एक मत लोकतंत्र की जान है। यह चुनाव सरकार चुनने के लिए है अपनी सरकार सरकार बनायें अपना अधिकार न छोड़ें।

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