सिवनी मालवा। शासकीय अध्यापक संगठन का प्रांतीय अधिवेशन रविवार को ‘गांधी भवन प्रांगण’, पॉलिटेक्निक चौराहे के पास भोपाल में हुआ। मुख्य अतिथि विश्वास सारंग चिकित्सा मंत्री मध्यप्रदेश शासन तथा अध्यक्षता बृजेश चौहान (Brijesh Chauhan) सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उपस्थित थे।
शिक्षा, शिक्षार्थी, शिक्षालय और शिक्षक के सर्वांगीण विकास को अपना मुख्य लक्ष्य मानने वाले शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे के अनुसार इस प्रांतीय अधिवेशन एवं शैक्षिक संगोष्ठी ने संगोष्ठी में विचार रखे की अध्यापकों की नियुक्ति 2018 से की गई है जबकि मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मुंबई से घोषणा की थी कि अध्यापकों को जस के तस शिक्षा विभाग दिया जाएगा परंतु प्रशासनिक अधिकारियों के संविलियन के नाम पर 2018 से नवीन नियुक्ति कर दी।
राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्त अध्यापक संवर्ग की सेवा अवधि की गणना उसके प्रथम नियुक्ति दिनांक (शिक्षाकर्मी, गुरुजी, संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्ति) से समस्त स्वत्यों हेतु की जावे, ताकि वर्ष 2006 में नियुक्त संविदा शिक्षक को वर्ष 2018 से क्रमोन्नति मिल सके तथा सम्पूर्ण संवर्ग को वरिष्ठता से जुड़े ग्रेज्युटी, पदोन्नति, पुरानी परिवार पेंशन बहाली आदि प्रत्येक मुद्दे पर लाभ प्राप्त हो सके तथा जनजातीय विभाग के आर्थिक प्रकरण एवं अनुकम्पा नियुक्ति की विसंगतियों को दूर करते हुए जनजातीय विभाग को स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) में मर्ज किया जाना होगा। सम्मेलन में उपेंद्र कौशल, उमेश सोनी, नवल रघुवंशी, कमल बैरागी, चंद्रोदय मिश्रा, राजकुमार शर्मा, अशोक कुमार देवराले, आदि प्रदेश के अध्यापक उपस्थित थे।
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला नहीं बनाया जाए: दुबे

For Feedback - info[@]narmadanchal.com