- सात दिवसीय हाथी महोत्सव के दौरान नहीं लिया जाता कोई काम
- दावत में मिल रहा गुड़, गन्ना, रोटी और केला जैसा पसंदीदा भोज
- नदी में नहलाने के बाद मालिश कर हो रही है खूब खातिरदारी
इटारसी। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) में इन दिनों गजराज के मजे ही मजे चल रहे हैं। उनको उनका पसंदीदा खाना मिल रहा है, नदी में नहाने और मालिक का सुख मिल रहा है, दावत में गुड़, गन्ना, रोटी, केला दिया जा रहा है। हाथियों की इतनी खातिरदारी ‘हाथी महोत्सव’ (‘Elephant Festival’) के कारण हो रही है, जो हर वर्ष सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मनाया जाता है।
सात दिन होगी खूब आवभगत
नर्मदापुरम (Narmadapuram) के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सात दिन चलने वाले हाथी महोत्सव में सातों दिन हाथियों की खूब आवभगत होगी। उनको आराम के अलावा खाने-पीने और नहलाने के साथ इनकी मालिश भी की जा रही है। हाथियों का पसंदीदा भोजन गुड़, गन्ना, केला व रोटी दी जा रही है।
पुनर्वनीकरण शिविर लगा है
बता दें कि एसटीआर (STR) में सात दिन के हाथी महोत्सव का आयोजन किया गया। 7 से 14 सितंबर तक पुनर्वनीकरण शिविर लगा है। शनिवार को एसटीआर के चूरना (Churna) में पुनर्वनीकरण शिविर की शुरुआत पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव (PCCF Asim Srivastava), फील्ड डायरेक्टर सतपुड़ा एल कृष्णमूर्ति (Field Director Satpura L Krishnamurthy) और कलेक्टर सोनिया मीणा (Collector Sonia Meena) ने की। एफडी कृष्णमूर्ति ने बताया हाथियों के पुनर्वनीकरण के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में हर साल हाथियों को आराम कराकर उनकी खातिरदारी की जाती है।
सात दिन आराम करेंगे एसटीआर के हाथी
जंगल में सालभर भ्रमण करने वाले हाथी 7 दिन तक आराम करेंगे। उनसे किसी भी तरह का काम नहीं लिया जाता है। 7 दिन रोज नहलाने के साथ उनकी मालिश होगी। महावत अपने हाथियों को हल्दी और चावल के लेप से सजाते हैं। हाथियों को उनका मनपसंद भोजन परोसा जा रहा है।