भोपाल/इटारसी। मप्र महासंघ सहकारी मर्यादित (Madhya Pradesh Federation Cooperative Limited) भोपाल (Bhopal) के अधीनस्थ तवा जलाशय (Tawa Reservoir) में चोरी चुपके से अपात्र मछुुआरों के नाम से 81 करोड़ रुपये के 150 केज लगाने पर स्थानीय हजारों वंशानुगत मछुआरों पर रोजगार पर संकट के बादल छाने लगे हैं। मांझी मछुआ कल्याण समिति (Manjhi Fishermen Welfare Committee) एवं स्थानीय वंशानुगत सहकारी समितियों ने मप्र संचालनालय मत्स्योद्योग भोपाल (Madhya Pradesh Directorate of Fisheries Bhopal) के प्रमुख अधिकारी से इसकी जांच करने की मांग की।
आवेदनकर्ता मोहन रायकवार (Mohan Raikwar) ने बताया कि एक माह पूर्व मप्र महासंघ भोपाल के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा तवा जलाशय के आसपास ग्रामों में चोरी चुपके से अपात्र मछुुआरों जो मछली का कार्य नहीं करते हैं, को आधी अधूरी जानकारी देकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) मप्र महासंघ के अधीनस्थ तवा जलाशय में केज निर्माण एवं संचालन के नाम से 52 लाख की परियोजना एवं 34.40 लाख का सरकारी अनुदान के नाम से 150 अपात्र मछुुआरा के नाम से केज निर्माण करा रहे हैं।
परंतु इस केज निर्माण से तवा जलाशय के हजारों वंशानुगत मछुआरा नाव एवं जाल से मत्स्याखेट नहीं कर पायेंगे, जिस से उसके परिवार पर रोजी रोजगार पर संकट आ जायेगा। तवा जलाशय की सभी वंशानुगत सहकारी समितियों के सदस्यों ने मप्र मत्स्य विभाग के मुख्य अधिकारी को अवगत करके इसकी जांच एवं उचित कार्रवाई करने की मांग की।