इटारसी। राम नाम के जाप से सम विषम भी समान हो जाते हैं। संसार में जो भी साधक शिव के समान अपनी जीव्हा पर सदैव राम नाम का जाप करते हैं, उनके जीवन में सम विषम सब एक समान हो जाते हैं, उनके शरीर में अमृत और विष भी जल के समान कार्य करते हैं। उक्त उद्गार गाजीपुर के प्रख्यात श्रीराम कथा प्रवक्ता पंडित अखिलेश उपाध्याय ने व्यक्त किए।
चैत्र नवरात्र पर ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्री राम कथा प्रवचन समारोह के द्वितीय दिवस में आचार्य श्री अखिलेश ने कहा कि भगवान शिव ने अपने परिवार एवं अपने शरीर के माध्यम से एक सुंदर उदाहरण श्री राम की भक्ति का प्रस्तुत किया है।
इसी प्रसंग को श्री श्री 1008 महावीर दास ब्रह्मचारी राघवेंद्र रामायणी एवं मानस मर्मज्ञ कंचन दुबे ने भी आगे बढ़ाते हुए कहा कि मानव जीवन में जप का ही बड़ा महत्व है, जो अपने मुख से सदैव राम नाम जपते हैं, वह जीते जी तो सुखी रहते ही हैं, मरणोपरांत भी राम नाम की नौका में भवसागर पार कर जाते हैं। इसलिए इस कलयुग में मानव को कर्म तो करते रहना चाहिए। अपने शरीर से लेकिन अपने मुख्य मंडल में सदैव श्री राम का नाम रखना चाहिए।