निर्मल चित्त और निस्वार्थ भाव से की गई हर कामना पूरी होती है : मधुसूदन महाराज

Post by: Rohit Nage

Every wish made with a pure mind and selflessness is fulfilled: Madhusudan Maharaj
Bachpan AHPS Itarsi
  • – सनखेड़ा के हनुमान वाटिका में शिव महापुराण कथा में 12 दिसंबर को होगा भंडारा

इटारसी। सनखेड़ा के हनुमान वाटिका में श्री शिव महापुराण कथा के छठे दिन कथावाचक मधुसूदन महाराज ने 12 ज्योतिर्लिंगों की कथा सुनाई। उन्होंने ज्योतिर्लिंगों की महिमा के बारे में बताया। उन्होंने कहा ज्योतिर्लिंगों का सुबह-शाम ध्यान करने करने मात्र से कष्टों का नाश हो जाता है।

कथाचार्य मधूसूदन महाराज का स्वागत मुख्य यजमान लक्ष्मीनारायण चौरे, किरण चौरे, शिवनारायण चौरे, राजमणी चौरे, रुपेश चौरे, अनुराधा चौरे, शेखर चौरे ने किया। शिव पुराण की कथा 12 दिसंबर तक होगी। कथावाचक मधुसूदन महाराज ने कहा कि माता-पिता की सेवा करने से ही ईश्वर की सच्ची भक्ति होती है, घर में ही ईश्वर है फिर भी लोग ईश्वर की भक्ति के लिए दर-दर भटकते रहते हैं, अगर मानव को ईश्वर की सच्ची भक्ति करनी है तो अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा करते हुए उन्हेंने खुश रखे।

इस संसार में सभी बुद्धिमान है, लेकिन बुद्धि की शुद्धि करने की जरूरत है, बुद्ध बनने के पहले हमें शुद्ध होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निर्मल चित्त, निस्वार्थ भाव से कि गई हर कामना पूरी होती है। ईश्वर को पाने, मोक्ष पाने की लालसा सभी में रहती है। परमात्मा को पाना है तो जप, तप, भजन, कीर्तन, सत्संग बिना मोह, लालच के करोगे तो परमात्मा जरूर मिलेंगे। जरूरी नहीं कि शिव, राम, कृष्ण भजते रहो। बुजुर्गों, माता-पिता की सेवा में जुटे रहें तो ही परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है।

संसार के सभी धर्म माता-पिता के सम्मान की सीख देते हैं। उनकी सेवा ही ईश्वर की सेवा है। माता-पिता का तिरस्कार करना ईश्वर का अपमान है। उन्होंने कहा कि आंतरिक रूप से शुद्ध होने के लिए व्यक्ति को सत्संग में आना चाहिए और पवित्र उपदेशों का पालन करना चाहिए। इससे वह दुखों, चिंताओं और तनावों से मुक्त हो जाएगा और साथ ही वह ईश्वरीय आनंद पाने के योग्य बन जाएगा। इसलिए दिव्य दृष्टि, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पाने के लिए व्यक्ति को भगवान के वचनों का जाप करना चाहिए।

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