एक सप्ताह बीत गया, मैदान में नहीं दिख रही कोई गतिविधि
इटारसी। शहर में 16 अगस्त से ‘गंदगी भारत छोड़ो’ अभियान(Bharat Chodo abhiyan) की शुरुआत हो गई है। यह अभियान 30 अगस्त तक चलेगा। बावजूद इसके गंदगी हमेशा से ही नगर पालिका के लिए चुनौती रही है। नगर पालिका और प्रशासन को चुनौती देते हुए गंदगी ने शहर की सड़कों के किनारे घर कर लिया है। बाजार में खाली प्लाटों और पेड़ों के नीचे कतिपय दुकानदारों और रहवासियों ने कचरे का ढेर लगा दिया है। कुछ दुकानदार भी अनुपयोगी सामानों को खाली प्लाटों और सड़क किनारे जलाकर नगर पालिका के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं।
‘नो गारबेज सिटी'(No Garwaj city) का सपना, महज सपना ही रह जाएगा। जिस अंदाज से नगर पालिका वर्षों से काम करती आ रही है, उसमें न कोई बदलाव और ना ही कोई प्रयोग हो रहा है। नगर पालिका के स्वास्थ्य अमले ने वर्षों के पारंपरिक तरीकों को ही अपना रखा है। सीमित संसाधनों में काम नहीं होता, की सोच के साथ चल रहे स्वास्थ्य अमले से कभी गंदगीमुक्त शहर बनाने की कल्पना नहीं की जा सकती।
विधायक कार्यालय के पास ही गंदगी
विधायक कार्यालय से पहले ही सड़क किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पॉलीथिन, डिस्पोजल समेत अन्य अपशिष्ट पदार्थ बिखरे पड़े हैं। गंदगी पसरी होने के कारण लोग भी उस जगह को यूरिनल तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कॉन्वेंट स्कूल के पीछे कुछ दुकानदारों ने अपनी मर्जी से कचरे का ढेर लगा दिया है। ऐसे में उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं। इधर, शहर के सरकारी अस्पताल के सामने खंडहर हालत में पड़े एक मकान में लोगों ने घरेलू डिस्पोजल, डायपर समेत अन्य अपशिष्ट पदार्थ का भंडारण कर रखा है। जिसके कारण आवारा मवेशी गंदगी में मुंह मारते फिर रहे हैं। शहर में अन्य जगहों से भी कूड़ा कचरा न उठाए जाने के कारण गंदगी का अंबार लगा है। ऐसे में गंदगी भारत छोड़ो अभियान की पोल खुलती दिख रही है।
संसाधनों की कमी से जूझी रही नगरपालिका
नगरपालिका के पास बाजार का कचरा उठाने के लिए भी पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है। सिर्फ दो कचरा वाहनों से ही पूरे बाजार के कचरे को उठाया जा रहा है। नपा के पास तीन सौ सफाईकर्मी मौजूद होने के बाद भी शहर की गंदगी दूर नहीं हो रही। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो की तर्ज पर गंदगी भारत छोड़ो अभियान का आह्वान किया है। ये अभियान देशभर में 16 से 30 अगस्त तक चलेगा। जिसमें स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरुक करने के साथ ही शहर को स्वच्छता बनाने की मुहिम रहेगी।
ये है नपा के पास सुविधाएं
सेनेट्री इंस्पेक्टर आरके तिवारी ने बताया कि शहर की सफाई के लिए नगर पालिका के पास 20 मैजिक ऑटो, 4 ट्रैक्टर-ट्रॉली, एक डंपर, 1 जेसीबी मशीन समेत 4 फॉगिंग मशीनें हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि शहर से एक दिन में 28 से 30 टन कचरा निकलता है। जिसे कीरतपुर डेयरी उद्योग क्षेत्र में कुबड़ाखेड़ी गांव के पास नपा की जमीन में डंप किया जाता है। वहीं शहर में फिनोलिक्स, कार्बोनिक्स जैसे दवाओं का छिड़काव किया जाता है।
इनका कहना है
लोगों को जागरुक करने के लिए जल्द शहर के चौक-चौराहों पर पोस्टर, बैनर लगाए जाएंगे। कोरोना महामारी के कारण लोगों को ऑनलाइन संदेश दिया जा रहा है। जल्द नपा वाहन के जरिए अभियान के तहत लोगों को संदेश दिया जाएगा। साथ ही एक दो दिन में शहर के चौराहों पर पोस्टर, बैनर के जरिए संदेश देंगे।
आशीष देशभरतार, सब इंजीनियर नपा
शहर को कचरा और गंदगी मुक्त बनाने के लिए 300 सफाईकर्मी हंै, जो ग्राउंडवर्क कर लगातार शहर को कचरा मुक्त बनाने में जुटे हैं। शहर में कहीं भी कचरे की सूचना मिलने पर सुपरवाइजर द्वारा कचरा उठा लिया जाता है।
आरके तिवारी, सेनेट्री इंस्पेक्टर