सत्य का आचरण करने से देवता और प्रकृति प्रसन्न रहते : शर्मा

Post by: Rohit Nage

Gods and nature remain happy by practicing truth: Sharma
Bachpan AHPS Itarsi

इटारसी। श्री बूढ़ी माता मंदिर इटारसी में श्री शतचंडी महायज्ञ का आयोजन के अंतर्गत चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा में पांचवे दिन कथावाचक पं. सोमनाथ शर्मा ने देवदत्त और गोविंद ब्राह्मण के चरित्र का प्रसंग सुनाया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में सदैव सत्य का आचरण करना चाहिए। इससे देवता और प्रकृति प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य का चरित्र भ्सी निर्मल बनता है। इस वर्ष श्री शतचंडी महायज्ञ के अंतर्गत पचासवे वर्ष में पहली बार श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शतचंडी महायज्ञ में शामिल हो रहे हैं और देवी भागवत का श्रवण भी कर रहे हैं।

पांचवें दिवस महिषासुर के उत्पत्ति का प्रसंग सुनाया और कहा कि जब महिषासुर ने देवताओं को त्रस्त कर दिया तो देवता ब्रह्मा, विष्णु और शंकर, देवी की शरण में गए। देवताओं के तेज से एक देवी का प्रकट हुआ, वही जगदंबा हुई और देवी ने महिषासुर का वध किया। इस दोरान सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी गई। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक है। कथा के छठवें दिवस 56 भोग लगाया जाएगा व सैकड़ों दीपकों से महा आरती की जाएगी।

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