इटारसी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के लगातार दस वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, वर्तमान में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) आज इटारसी (Itarsi) आ रहे हैं। वे यहां होटल एक्सप्रेस इलेवन (Hotel Express XI) में कांग्रेस की चुनाव संबंधी एक बैठक लेंगे। दिग्विजय सिंह इस दौरान मीडिया से भी बात करेंगे। आगामी करीब चार माह बाद मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए दिग्विजय सिंह का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आज ही प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष माणक अग्रवाल (State Congress Vice President Manak Agarwal) भी इटारसी में रहेंगे, माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह के साथ माणक अग्रवाल भी पत्रकार वार्ता और बैठक में शामिल होंगे। दिग्विजय के आने से कांग्रेस कितनी मजबूत होगी यह तो चुनाव में दिखाई दे ही जाएगा, फिलहाल लग रहा है कि हरेक गुट दिग्विजय के समक्ष अपनी शक्ति का प्रदर्शन अवश्य करेगा।
नवंबर-दिसंबर में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखें होंगी, इसलिए कोई भी पार्टी किसी प्रकार की तैयारियों में कमी रखना नहीं चाहती है। नर्मदापुरम विधानसभा (Narmadapuram Assembly) चुनावों में अब तक केवल दो ही पार्टियों की तैयारी मैदान पर दिखाई दे रही है, आम आदमी पार्टी, शिवसेना, बसपा या कोई अन्य दल की चुनावी तैयारियां दृष्टिगोचर नहीं हैं। आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इटारसी में रहेंगे। दस साल के मुख्यमंत्रित्व काल में पहले पांच वर्ष वे विकास पुरुष माने गये, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से खूब चर्चित रहे। दूसरी पारी विवादों से भरी रही। चुनावों के पूर्व कर्मचारियों के विषय में एक बयान, बदतद रोड, बिजली और पानी की बदइंतजामी के कारण उनके हाथों से सत्ता ऐसी फिसली कि भारतीय जनता पार्टी ने जैसे मध्यप्रदेश का अपना गढ़ ही बना लिया।
लालटेन भेंट करेंगे

एक समय कांग्रेस रहे और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद एवं नगर पालिका में सभापति राकेश जाधव (Rakesh Jadhav) अपनी टीम के साथ आज दिग्विजय सिंह को लालटेन भेंट करके उनके कार्यकाल की बिजली समस्या को जनता के स्मृतिपटल पर लाना चाहते हैं। आज भी भाजपा चुनावों में दिग्विजय सिंह के कार्यकाल को याद दिलाकर जनता से वोट मांगती है। अब राकेश जाधव अपनी मंशा में कितने कामयाब हो पाते हैं, यह तो दिग्विजय सिंह के आने के बाद ही पता चलेगा।
खेमेबाजी चर्चा में है
विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस अब भी खेमेबाजी से उबर नहीं पा रही है। आज भी कांग्रेस के किसी भी आंदोलन या कार्यक्रमों में देखें तो स्पष्ट खेमेबाजी नजर आती है। कई कार्यक्रमों में महज एक या दो गुट के लोग ही दिखते हैं, कई नेता इसमें गायब रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस कैसे गारंटी दे सकती है कि विधानसभा चुनाव में वे भाजपा जैसी पार्टी को पटखनी दे पाएंगे?
माणक भी रहेंगे साथ?
प्रदेश की राजनीति में एक वक्त धुर विरोधी रहे दिग्विजय सिंह और माणक अग्रवाल आज एक साथ एक मंच पर दिखाई देंगे, चर्चा राजनीतिक गलियारों में आम है। माणक अग्रवाल विधानसभा चुनावों में दावेदार हो सकते हैं, ऐसे में चुनावी तैयारियों की बैठक में उनकी मौजूदगी बहुत आवश्यक है। माणक अग्रवाल यहां से पूर्व में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि वे जीत नहीं सके थे। उनके पास बड़ी टीम होने से उनकी दावेदारी को मजबूती मिलती है। परंतु अभी यह समय की रेत में दबा है कि पार्टी किसी पुराने नेता पर दांव खेलेगी या किसी नये चेहरे पर विश्वास जतायेगी?