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शिवपुराण पापी भी सुने तो वह कैलाश लोक में चला जाता है

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इटारसी। श्री शिव मंदिर 12 बंगला इटारसी में आज कलश यात्रा के साथ शिवपुराण का शुभारंभ किया गया। आचार्य पं. अतुल कृष्ण मिश्रा के मुखारविंद से कथा चल रही है।

प्रथम दिवस में महात्म्य की कथा का बखान करते हुए कहा कि देवराज नामक एक ब्राह्मण रहता था। देवराज अपने ही लोगों को ठगने का कार्य करता था, उसने अधर्म से बहुत धन कमाया किंतु धर्म में थोड़ा सा भी धन नहीं लगाया। एक बार वह तालाब पर नहाने गया वहां उसने शोभावती नाम की एक वेश्या को बिहार करते हुए देख लिया उसके मन में विकार आ गया, उसने उसी शोभावती नाम की वेश्या से विवाह कर लिया। देवराज अपनी पत्नी और माता-पिता को छोड़कर उसी वैश्या के साथ रहने लगा और एक दिन तो उसने अपने माता-पिता और पत्नी की भी हत्या कर दी और सारा धन जाकर उसी वेश्या को दे दिया।

देवराज और शोभावती के साथ मांस मदिरा का सेवन करता रहा और एक ही थाली में भोजन करता था। संयोग से 1 दिन घूमता हुआ प्रयागराज जा पहुंचा वहां उसने एक शिव मंदिर शिवालय देखा वहां साधु संत एकत्र हुए थे देवराज मंदिर में रुक गया। संयोग से शिव मंदिर के प्रांगण में एक विप्र देवता शिव कथा सुना रहे थे। बुखार में पड़े वह देवराज ब्राह्मण भी शिव कथा को श्रवण करता रहा और 1 महीने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। यमराज के दूत आए और पास में बांधकर उसे यमपुरी ले गए। इतने में भगवान शिव के पार्षद यमपुरी को आ गए और वे सब गौर वर्ण के थे, उनके हाथ में त्रिशूल शोभायमान हो रही थी, भस्म लगाए, रुद्राक्ष धारण किए हुए थे।

भगवान शिव के पार्षदों ने यमदूतों की खूब पिटाई करी और देवराज को उनके चंगुल से मुक्त करा दिया। अत्यंत सुंदर विमान पर बैठकर कैलाश चले गए, जिस देवराज ने धन के लोग में अनेक लोगों की हत्या की थी। यहां तक कि अपने माता पिता और पत्नी को भी मार दिया था, वह वेश्या गामी शराब पीने वाला देवराज भी इस कथा के प्रभाव से कैलाश धाम का अधिकारी हो गया।

आचार्य अतुल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि शिव पुराण का इतना महत्व है कि पापा चारी और अधमी भी कथा सुन ले तो उसे ईश्वर का लोक मिल जाता है। कथा प्रारंभ होने के पूर्व श्री पिपलेश्वर हनुमान मंदिर से कलश यात्रा निकली जो प्रमुख मार्गों से होती हुई शिव मंदिर आरपीएफ बैरिक के पास बने पंडाल में पहुंची सैकड़ों महिला और पुरुष गाजे बाजे के साथ शिवपुराण को लेकर कथा स्थल पर आए। कथा के यजमान संतोष पवार, मोंटी कलोटे, भवानी कंचन मैहरोलिया हंै।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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