इटारसी। करीब 40 रुपए करोड़ की लागत से बन रहे सोनासांवरी रेलवे ओवरब्रिज की तीसरी भुजा पर गहरा विवाद खड़ा हो गया है। विधानसभा में लोक निर्माण मंत्री द्वारा इसे दुर्घटना की आशंका बताकर टालने के बाद, क्षेत्र के डेढ़ दर्जन गांव के भविष्य की सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अगर न्यास बाईपास लिंक नहीं बना, तो ग्रामीणों को सिर्फ लंबा चक्कर ही नहीं, बल्कि मानसून में जलजमाव का दर्द भी झेलना पड़ेगा, जिससे मानसून में शहर से उनका संपर्क कट सकता है।
न्यास बाईपास लिंक के अभाव में, ग्रामीणों को शहर में अनावश्यक रूप से लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा, जिससे आंतरिक मार्गों पर ट्रैफिक जाम बढ़ेगा। बारिश में पुलिया पर पानी भरने से घंटों रास्ता बंद रहता है, तीसरी भुजा इसका स्थायी समाधान थी। लिंक न बनने पर मानसून में गंभीर जलजमाव से संपर्क टूट जाएगा। ब्रिज का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे कनेक्टिविटी देना था, जो इस भुजा के कटने से पूरा नहीं होगा।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब मूल डिज़ाइन के मुताबिक राशि मंजूर हुई थी, तो अधिकारियों ने डिज़ाइन बदली। मेनिट ने पहली डिज़ाइन में दुर्घटना की संभावना नहीं बताई, लेकिन बाद की डिज़ाइन में बताई, यह कन्फ्यूजन कतिपय लोगों के निहित स्वार्थों को दर्शाती है। सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भविष्य में शहर की लाइफ लाइन सिद्ध होगा। हम मंत्री के जवाब की गहन स्टडी करेंगे और इटारसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।








