इटारसी। एक दिन रेलवे स्टेशन मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद कुछ दिन विश्राम किया और नगर पालिका के अमले ने फिर तालाब मोहल्ला का रुख किया। यहां छोटे-बड़े टप हटाये। बावजूद इसके पूरे जोश से समीक्षा बैठक में की गई घोषणा से लगा था, काम युद्धस्तर पर होगा, जमीनी हकीकत ये है कि पिछले सारे अतिक्रमण अभियान से भी अधिक सुस्त अभियान है ये। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने समीक्षा बैठक ली थी, जिसमें युद्ध स्तर पर काम करने का तय था। लेकिन सबसे अधिक रस्म अदायगी इस बार दिख रही है।
पहले दिन पुलिस, राजस्व और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने जिस जोश में रेलवे स्टेशन के सामने से अतिक्रमण हटे, लगा कि अब शायद इतिहास बनेगा। लेकिन, उस दिन के बाद काम थम गया, मंगलवार को नगर पालिका का अमला निकला तो तालाब मोहल्ले के कुछ अतिक्रमण हटाये। प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी टीम ने प्रारंभ में तो रेलवे स्टेशन के सामने वाले मुख्य मार्ग से बड़ी सक्रियता से अवैध व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को हटा दिया गया।
अब धीरे-धीरे प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी टीम से वरिष्ठ अधिकारी नदारद होते जा रहे हैं। मंगलवार की शाम को कमला नेहरू पार्क और तालाब के किनारे वाले मुख्य मार्ग पर हाथ ठेले पर कपड़ों का व्यवसाय करने वाले छोटे-छोटे दुकानदारों को सख्ती के साथ नगर पालिका कार्यालय अतिक्रमण विरोधी टीम ने पुलिस कर्मियों की मदद से दुकानों को हटवा दिया। लेकिन बाजार क्षेत्र में प्रमुख रूप से हाथ ठेलों पर फलों का व्यवसाय करने वाले एवं अन्य वस्तुओं का बीच सड़क पर खड़े होकर लंबे समय से व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को नहीं हटाया गया।
बाजार के लिए बदनुमा दाग बने हाथठेलों पर फल बेचने वाले जयस्तंभ चौक, मोहन काका चौक और तुलसी चौक के साथ ही व्यस्ततम मार्ग पर हठधर्मिता के साथ यातायात अवरुद्ध कर बाजार की व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। पुलिस की भी इनको हटाने में रुचि दिखाई नहीं दे रही है। दूसरे दिन के अभियान से आला अधिकारियों की दूरी कई सवाल खड़े कर अभियान की सफलता पर संदेह व्यक्त कर रही है।