नर्मदापुरम। अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यक्रम शासकीय संभागीय आईटीआई के ऑडिटोरियम में जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने आयोजित किया। इसका मुख्य उददेश्य मद्यपान, मादक पदार्थ एवं उनके द्रव्यों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से युवा, छात्र-छात्राओं एवं आमजनों को अवगत कराकर उनमें जागरूकता पैदा करना था।
कार्यक्रम में न्यायाधीश जिला न्यायालय नर्मदापुरम विजय कुमार पाठक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौजान सिंह रावत और संयुक्त कलेक्टर एवं उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग नर्मदापुरम श्रीमती संपदा सराफ, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती श्वेता चौबे, विधिक सेवा प्राधिकरण से जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय सिंह, कैंसर अस्पताल नर्मदापुरम से डॉ. अतुल सेठा, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कौरव, संकल्प से नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र से ऋषभ शास्त्री, ब्रम्हकुमारी से तुलसा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, सामाजिक संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहे। न्यायाधीश विजय पाठक ने कहा कि नशे के आदि व्यक्ति को आर्थिक सामाजिक तथा मानसिक सभी प्रकार के दुष्परिणाम का सामना करना पड़ता है। नशा केवल लत नहीं है अपितु यह अपराधों को जन्म देने की प्रथम सीढ़ी है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सौजान सिंह रावत ने बताया कि नशे की रोकथाम के लिए इससे प्रभावित हुए व्यक्तियों की आप बीती को सभी लोगों के सामने लाया जाना बहुत आवश्यक है जिससे कि सभी को इसके दुष्परिणाम के बारे में पता चले तथा मुख्य रूप से युवा वर्ग इस दिशा में जाने से अपने कदमों को रोके। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हमें यह संदेश हर घर तथा हर युवा तक पहुंचना आवश्यक है। श्री रावत ने कहा कि बच्चों एवं युवाओं को सोशल मीडिया पर उपयोगी एवं चयनात्मक सामग्री ही उपलब्ध कराई जाना चाहिए जिससे कि उनका मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही दिशा में हो।
संयुक्त कलेक्टर श्रीमती संपदा सराफ ने कहा कि नशे की समस्या भारत ही नहीं समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि युवा आने वाला कल है तथा अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर युवाओं की सकारात्मक भागीदारी को इस अभियान की सफलता की कुंजी बताया। संकल्प सह नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र के सर्वेश निगम ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपनी नशे की लत के कारण अपना जीवन खराब कर लिया लेकिन पुनर्वास केंद्र से मिले मार्गदर्शन से नशा त्यागने के बाद अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों से भी उन्होंने सभी को अवगत कराया। सभी नागरिकों ने नर्मदापुरम जिले को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से शपथ भी ली। संचालन श्रीमती निहारिका ने किया।