– व्यंगकार शरद जोशी के व्यंग को चरितार्थ करता शौचालय
सोहागपुर/राजेश शुक्ला। पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) के अंतर्गत जगह जगह सार्वजनिक शौचालय (Public Toilet) के निर्माण कराए गए। जिनका उद्देश्य नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के साथ साथ स्वच्छता बनाए रखना है। नगर में रेलवे स्टेशन (Railway Station) के पास वाला सार्वजनिक शौचालय खुलता नहीँ है। क्षेत्रीय दुकानदारों की बात मानी जावे तो कभी खुलता भी है तो कभी भी बंद हो जाता है बंद होने का कोई समय नहीं है। शनिवार को दोपहर ढाई बजे रेलवेस्टेशन वाले सार्वजनिक शौचालय पर इस प्रतिनिधि को भी ताला लगा हुआ मिला। ऐंसा लगता है सोहागपुर ( Sohagpur) में प्रसिद्ध व्यंगकार शरद जोशी (Sharad Joshi) की कविता नल है.. मगर पानी नहीं, बाबू है ..मगर छुट्टी पर है चरितार्थ होते दिख रही है। ऐंसे ही नगर में शौचालय है मगर खुलता नहीं..। नगर परिषद (Municipal Council) को शौचालय की व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना होगा ताकि नागरिक सुविधाओं को सही मायने में सार्थक बनाया जा सके।
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सार्वजनिक शौचालय है, मगर खुलता नहीं


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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