नर्मदापुरम। श्रीराम लीला महोत्सव (Shri Ram Leela Mahotsav) के अंतर्गत आज कुंभकर्ण (Kumbhakarna) का वध की रामलीला मंचन के बाद कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया गया। समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण शर्मा (Arun Sharma) एवं सचिव योगेश्वर तिवारी (Yogeshwar Tiwari) ने कुंभकरण के विशाल पुतले पर अग्निबाण चलाया जिससे पुतले का दहन किया।
श्री रामलीला महोत्सव में आज दशहरा मैदान लीला में बताया कि रावण (Ravana) को जब पता चलता है कि उसके पुत्र इंद्रजीत (Indrajit) ने लक्ष्मण (Lakshman) को ब्रह्मास्त्र मारकर घायल कर दिया है, तो बहुत प्रसन्न होता है और इस तरह राम (Ram) रावण युद्ध के अगले दिवस अगले दिवस श्री राम से युद्ध करने के लिए रावण अपने भाई कुंभकर्ण को भेजने का निर्णय लेता है। कुंभकर्ण को गहरी नींद से उठाकर रावण सारी कथा बताता है। कुंभकर्ण अपने भाई रावण से कहता है कि तूने जगदंबा (Jagdamba) का हरण करके अच्छा नहीं किया। युद्ध के मैदान में कुंभकर्ण की भेंट अपने छोटे भाई विभीषण से होती है, कुंभकर्ण विभीषण को कहता है कि भाई तू धन्य है, जो श्री राम की शरण में है।
कुंभकर्ण को आभास हो जाता है कि श्रीराम एक दिव्य पुरुष एक दिव्य शक्ति हैं उनको कोई हराना संभव नहीं है। किंतु रावण की कहने पर कुंभकर्ण सोचता है कि श्री राम लक्ष्मण के हाथों मर कर मोक्ष पाना ही उचित रहेगा और इस तरह कुंभकरण युद्ध के मैदान में आकर वानर सेना को तहस-नहस करने लगता है। अंत में श्री राम स्वयं आकर कुंभकर्ण से मुकाबला करते हैं और अपने बाणों से उस पर प्रहार करना प्रारंभ करते हैं। भगवान श्री राम की दोनों भुजाओं को अपने बाणों से काटते हैं और अंत में बाण से कुंभकर्ण सिर काट कर उसका वध कर देते हैं।
लीला में श्री राम की भूमिका प्रतीक दुबे, लक्ष्मण की अक्षय मिश्रा, सीता संपूर्ण चतुर्वेदी, रावण सुभाष परसाई, हनुमान दीपेश व्यास, जामवंत मनोज दुबे, कुंभकर्ण, विभीषण पुनीत पाठक ने भूमिका निभाई। 23 अक्टूबर सोमवार को रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम रावण युद्ध में मेघनाद वध की लीला की मैदानी प्रस्तुति की जाएगी।