लघु व्यंग्य: भ्रष्टाचार का सिलेबस

Post by: Poonam Soni

अखिलेश शुक्ल: आजकल देश में फैले भ्रष्टाचार ने किस्सा तोता मैना जैसे जगप्रसिद्ध किस्सों को भी पीछे छोड़ दिया है। प्राचीन समय में इतनी लोकप्रियता तो हितोपदेश तथा पंचतंत्र की कहानियों को भी नहीं मिली होगी?
देश में प्रत्येक क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार को ध्यान में रखते हुए अब राज्यों के लोक सेवा आयोगों ने निर्णय लिया है कि इसे प्रवेश परीक्षा में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल कर लिए जाए। सामान्य ज्ञान और अन्य अनिवार्य विषयों की अनुपयोगिता से खीजकर आयोग ने मुझे इसका सिलेबस निर्माण करने का जिम्मा सौपा है। अब जो भी उम्मीदवार इस विषय में न्यूमतम अर्हक अंक प्राप्त करेंगे उन्हें ही चयनित किया जाएगा। इस विषय का सिलेबस व उसकी संक्षिप्त रूपरेखा इस प्रकार है-
नोट – यह पाठयक्रम निम्नलिखित पांच इकाईयों में विभाजित है। विद्याथियों से अपेक्षा है कि वे विषय का समग्र अध्ययन करें।

भ्रष्टाचार- अर्थ, परिभाषा, महत्व, विदेशों में व्याप्त विभिन्न प्रकाश के भ्रष्टचारों से स्वदेशी भ्रष्टाचार की श्रेष्ठता। उनमें असमानता व समानाएं, गुण दोष आदि।

विभिन्न विषयों से संबंध- भ्रष्टाचार का गणित, भौतिकी, दर्शन, मनोविज्ञान, राजनीति, समाज शास्त्र, तकनीकि जैसे फालतू व गैरजरूरी विषयों से संबंध। इनमें करप्शन की भूमिका, उपयोगिता तथा भविष्य के लिए संभावनाएं। (विद्याथियों से अपेक्षा है कि वे इस इकाई के अंतर्गत प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे)

भ्रष्टाचार की सार्थकता- यह कला है अथवा विज्ञान, इससे संबंधी महत्वपूर्ण नियम, रिश्वत लेने का बाएं हाथ का नियम, रिष्वत के टूल्स, रिश्वत के प्रकार, करप्शन कोफिशियंट, करप्शन तुलनांक, रिश्वत स्थिरांक तथा उन्हें ज्ञान करने की विभिन्न विधियां। करप्शन के प्रमुख पाश्चात्य सिद्धांत। देश को विकास के अंधे कुएं में ढकेलने में इसकी भूमिका। आर्थिक उदारीकरण में भ्रष्टाचार की उपादेयता।

भ्रष्टाचार का विकास- स्वतंत्रता से पूर्व इस विधा के अविकसित होने के कारण। अंगे्रजों का इसके बारे में ओपिनियन। स्वतत्रोत्तर भारत में भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकरण। चपरासी, क्लर्क, पटवारी, अफसर, नेता, उपनेता, राजनेता, उनकी पत्नियों, उपपत्नियों तथा रिश्तेदारों की भूमिका। प्रमुख रिश्वतखोरों के नाम, उनका विस्तृत जीवन परिचय तथा इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियां।

भ्रष्टाचार का भविष्य – कम्प्यूटर युग में भ्रष्टाचार के नए मानदंड़, विभिन्न प्रकरण, विधियां, उपलब्धियां आदि। भ्रष्टाचार में दान तथा गिफट की भूमिका। जुगाड़, प्रमोशन, टेण्डर, लाइसेंस, अनुमति आदि में इसकी संभावनाएं। आदि
आयोग इसके अतिरिक्त करप्शन से संबंधित विभिन्न प्रकार के समसामयिक प्रश्न भी पूछ सकता है। इस संबंध में किसी तरह का विरोध मान्य नहीं होगा।

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अखिलेश शुक्ल
इ-समीक्षक, लेखक व साहित्यकार

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