नर्मदापुरम। शिवार्चन समिति के तत्वावधान में यहां आयोजित महारुद्राभिषेक में आज शिव भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य सोमेश परसाई (Acharya Somesh Parsai) ने कहा भगवान शिव समस्त दुखों का नाश करते हैं।
भगवान शिव अपने भक्तों पर संकट आने पर विष तक का पान कर लेते हैं। शिव के बिना कुछ संभव नहीं, शिव का अर्थ ही होता है कल्याण। शिव हमारे जीवन का ठीक वैसे ही कल्याण करते है, जिस प्रकार नदी समुद्र में ही मिलती है, वैसे ही हम सबको शिव में ही मिलना है।
हम गर्भस्थ संकल्प करते हैं कि सदैव अच्छा ही करेंगे किन्तु माया के संसार में आकर सब भूल जाते हैं, हम भूल जाते हैं कि हमारा लक्ष्य तो परमात्मा ही है। हम उस कुए के मेंढक के भांति इस छद्म संसार को ही सब कुछ मान लेते हैं, किन्तु सत्य तो यही है कि ये माया का संसार है।
इसके पश्चात आचार्य श्री ने राम चरित्र मानस के श्लोकों की व्याख्या करते हुए कहा कि संसार के जितने भी संबंध हैं, उनको कैसे जीना है, कैसे संबंध निभाना है, ये केवल रामचरित्र मानस से सीखा जा सकता है। इसके पूर्व भगवान पार्थिवेश्वर का रुद्राभिषेक हुआ। शिव की शिवतांडव सहित विभिन्न स्तुतियों का संगीतमय गान किया।