बुदनी। श्री रूद्र ब्रह्यचारी तपस्वी जोगेश्वरी (बाईराम) माता जी की 21 वीं तथा कमलाबाई राजपूत की 6 वीं पुण्य स्मृति तपोवन आश्रम बान्द्राभान उत्तर तट तहसील बुधनी में 17 2024 से 21 दिसंबर 2024 तक डॉ रामकमलदास वेंदाती द्वारा श्री रामकथा एवं भजनांजलि का संगीतमय आयोजन किया जा रहा है। समापन अवसर पर 21 दिसंबर 2024 को विशाल भंडारा रखा गया है। आज श्री रामकथा के तृतीय दिवस आचार्य श्री ने भगवान श्रीराम की बाललीला का बखान किया।
राम कथा के दौरान उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म अवध नरेश राजा दशरथ के यहां हुआ। श्रीराम के सभी अंग अत्यंत सुडौल और सुंदर थे। उनको देखते ही मन लुभा जाता था। राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्री राम पवित्र बाल लीला करते थे। उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई। जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया। इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया।
इस दृश्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया। उन्होंने दिखाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं। भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गई और आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर पड़ी। भगवान श्रीराम ने माता को बहुत समझाया और कहा कि हे माता यह बात आप किसी से ना कहेंगी। राम कथा सुनने को लेकर काफी संख्या में भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है। राम कथा के दौरान गायक मंडली द्वारा भजन आदि सुना कर भी श्रद्धालुओं का मन मोहा जा रहा है। श्रीराम कथा आयोजक रमाकांत भार्गव विधायक बुधनी एवं अध्यक्ष ट्रस्ट समिति एवं अध्यक्ष मार्कफेड, राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष मप्र वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, विजयपाल सिंह विधायक एवं कार्यकारी अध्यक्ष ट्रस्ट समिति, महेश उपाध्याय अध्यक्ष सलकनपुर ट्रस्ट आदि ाद्धालु उपस्थित हुए।