माहेश्वरी महिला मंडल ने सांस्कृतिक पहचान साड़ी प्रथा को बढ़ाने निकाली रैली

Post by: Rohit Nage

सिवनी मालवा। माहेश्वरी महिला मंडल (Maheshwari Mahila Mandal) ने अपनी संस्कृति साड़ी (Sari) प्रथा को बढ़ाने रैली निकाली। रैली गायत्री मंदिर से शुरू होकर राधावल्लभ मंदिर (Radhavallabh Temple), नर्मदा मंदिर (Narmada Temple), कल्लू चौक (Kallu Chowk), होते हुए सीताराम मंदिर (Sitaram Temple) पर पहुंची जिसमें महिला मंडल ने नारी शक्ति को साड़ी पहनने को प्रेरित करने का संदेश दिया। मुख्य अतिथि डॉ. कांति बाथम (Dr. Kanti Batham) एवं एसई सोनाली चौधरी (Sonali Chaudhary) थीं।

डॉ. कांति बाथम ने कहा कि हमें अपनी भारतीय संस्कृति की पहचान साड़ी पहनना चाहिए। हमारी भारतीय संस्कृति पश्चिमी देशों की महिलाएं अपना रही हैं, वह साड़ी भी पहन रही हैं और मांग में सिंदूर भी भर रही हैं। एसई सोनाली चौधरी ने कहा कि हमें ड्यूटी पर ड्रेस पहनना पड़ती है लेकिन जब भी मौका आता है, हमें साड़ी पहनना बहुत अच्छा लगता है। यह हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्ष नीरू राठी ने कहा नारी की गरिमा साड़ी से उभर कर आती है। सभी शुभ अवसरों पर साडिय़ों का पहनना शुभ माना जाता है। यह सात्विक वस्त्र माना जाता है, साड़ी पहनने से शारीरिक और मानसिक रूप से महिला स्वस्थ रहती है।

माहेश्वरी महिला मंडल के जिला संचालिका के कहा, हम अपनी नई पीढ़ी को साड़ी परिधान की संस्कृति की पहचान के रूप में विरासत में दे रहे हैं और वह भी अपने आने वाली पीढ़ी को यह अपनी संस्कृति की पहचान साड़ी पहनना विरासत में दें। कार्यक्रम में सर्व समाज की महिलाएं उपस्थित थीं। सभी ने कहा कि हमें भारतीय नारी होने पर गर्व है। उन्होंने कहा साड़ी नकारात्मक ऊर्जा से नारी को बचाती है।

कार्यक्रम में माहेश्वरी महिला मंडल जिला संचालक सुनीता सारडा, माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्ष नीरू राठी, प्रेमलता तोषनीवाल, शीला खडलोया, शीला सारडा, उषा साबू, वर्षा सारडा, लक्ष्मी टावरी, मोना टावरी, प्रीति कचोलिया, ज्योति व्यास, मीना अग्रवाल, कृष्णा व्यास, शीला चतर सहित सभी समाज की महिलाएं उपस्थित थीं।

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