इटारसी। शहर की सड़कों पर घूमते मवेशी वाहन चालकों व राहगीरों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। यह समस्या हाईवे (Highway) सहित शहर के लगभग हर रोड पर दिखाई देती है। बरसात शुरू होने के बाद सड़क पर मवेशियों का जमावड़ा बढ़ गया है। ऐसे में नगर पालिका (Municipality) ने इनको सड़कों से हटाकर पशु मालिकों के पास भेजने अभियान चलाया है।
शहर में गौशाला (Cowshala) नहीं होने से परेशानी हो रही है, इसलिए पशु मालिकों का पता करके उनको मवेशी सौंपकर इनको छुट्टा छोडऩे की मनाही की जा रही है। बता दें कि पशुओं के स्वच्छंद विचरण से आवागमन बाधित होने के साथ राहगीरों में भी भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बाजार में होती है जब ये पशु बाजार में घुसकर अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं और इन्हें भगाने की कोशिश में कई लोग घायल हो जाते हैं। मेन रोड पर मवेशियों के कारण लोग सीधा से ड्राइव (Drive) ही नहीं कर सकते। नगर के चौक-चौराहों व गलियों में पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है। इनको हटाने नगर पालिका के हाका दल ने अभियान छेड़ा है।
आज लगभग डेढ़ सौ मवेशी सड़क से हटाए हैं और यह अभियान जारी रहेगा। शहर में हर चौक-चौराहों पर आवारा मवेशियों का झुंड देखा जा सकता है। स्टेशन रोड (Station Road), जयस्तंभ चौक (Jaistambh Chowk), ओवरब्रिज (Overbridge), स्टेशन से सूरजगंज रोड (Surajganj Road) सहित जगह-जगह सड़क के बीचों-बीच मवेशी एकत्र रहते हैं। ऐसे में ये कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। मवेशियों के अचानक सामने आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और फिर दुर्घटना होते देर नहीं लगती। पशु मालिक बेपरवाह शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं।
मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे मवेशियों से उनका कोई नाता न हो। दुर्घटना में मवेशियों की मौत के बाद वे मुआवजा के लिए जानवरों पर दावा करते हैं। नपा प्रशासन द्वारा सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर कांजी हाउस लाए जाने पर इनके मालिक पर जुर्माना व जानवरों की नीलामी का भी प्रावधान है। लेकिन इटारसी (Itarsi) में वर्षों से न तो कांजी हाउस है और ना ही सरकारी गौशाला की व्यवस्था। एक मंदिर समिति की गौशाला है जिसमें ज्यादा संख्या में मवेशी नहीं रखे जा सकते हैं, क्योंकि वहां पहले से ही बड़ी संख्या में मवेशी हैं।