इटारसी। नर्मदापुरम-इटारसी मार्ग पर होटल द पार्क के पास स्थित रोड ओवरब्रिज के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद, राज्यसभा सदस्य श्रीमती माया नारोलिया ने आज रविवार को मौके पर पहुंचकर ब्रिज का निरीक्षण किया। नारोलिया ने इस मामले को जनता के जीवन से खिलवाड़ बताते हुए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि राजा तिवारी, योगेन्द्र राजपूत, वरिष्ठ नेता संदेश पुरोहित, शैलेन्द्र दीक्षित, विकास नारोलिया, मनोज बडक़ुर सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रमुख शिकायतें और कार्रवाई
यह ब्रिज शुरू से ही घटिया निर्माण को लेकर विवादों में रहा है। श्रीमती नारोलिया और सांसद दर्शन सिंह चौधरी यह मामला उच्च स्तर पर और रेलवे समिति की बैठकों में कई बार उठा चुके हैं।
- भ्रष्टाचार का आरोप – ब्रिज के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग और अनियमितताएं।
- अधिकारियों का रवैया – अधिकारियों द्वारा वरिष्ठों को गुमराह करना और बैठकों में गलत/झूठी जानकारी पेश करना।
- झूठी मरम्मत रिपोर्ट – बैठक से एक दिन पूर्व ब्रिज से गुजरने वाली नारोलिया को अगली ही दिन बैठक में लिखित में मरम्मत पूर्ण होने की गलत जानकारी दी गई।
- निरीक्षण के बाद प्रतिक्रिया – नारोलिया ने इसे बहुत बड़ा घोटाला करार दिया और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही।
राज्यसभा सांसद नारोलिया के प्रमुख सवाल
- निरीक्षण के दौरान, श्रीमती नारोलिया ने मौके पर मौजूद रेलवे के डिप्टी सीई नितिन वमा और अन्य अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे।
- जवाबदेही : किसने ड्राइंग डिजाइन बनाई, घटिया मटेरियल किसने सप्लाई किया, किस इंजीनियर ने मॉनिटरिंग नहीं की, और किसने इस घटिया निर्माण को पास कर दिया?
- ठेकेदार और भुगतान : ठेकेदार कौन है और अधिकारियों ने उसे कैसे भुगतान कर दिया?
- जांच में लापरवाही : निर्माण के वक्त सक्षम अधिकारियों ने जांच क्यों नहीं की? जिम्मेदार एजेंसी कौन थी?
डिप्टी सीई नितिन वर्मा ने सवालों से बचने का प्रयास करते हुए केवल मैं दिखवा लेता हूं, जानकारी पता करता हूं, और तीन साल पहले ठेकेदार काम करके चला गया जैसे अस्पष्ट जवाब दिए।
अगली रणनीति और मरम्मत की योजना

श्रीमती नारोलिया ने इस घोटाले पर कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। उन्होंने घोषणा की कि वह जल्द ही पूरी फाइल लेकर सांसद दर्शन सिंह चौधरी के साथ रेल मंत्री से मिलेंगी।
- उच्च स्तरीय जांच : इस मामले की गहन जांच कराई जाएगी और जिम्मेदारों को छोड़ा नहीं जाएगा।
- मेंटेनेंस की रिपोर्ट: उन्होंने अधिकारियों से ब्रिज के मेंटेनेंस की पूरी जानकारी मांगी है, जिसके बाद ही वह ब्रिज के पूर्ण होने की अंतिम रिपोर्ट देंगी।
मरम्मत कार्य –
मौके पर मौजूद इंजीनियर ने बताया कि आधा ब्रिज बंद करने की परमिशन राज्य शासन से मिल गई है और मरम्मत का काम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसे दो माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
जनता की निगाहें –
भ्रष्टाचार स्पष्ट होने और अधिकारियों द्वारा लगातार गुमराह किए जाने के बावजूद अब मरम्मत का काम शुरू हो रहा है। जनता की गाढ़ी कमाई के दुरुपयोग और जनसुरक्षा को देखते हुए, अब देखना यह होगा कि इस उच्च-स्तरीय मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और जिम्मेदारों पर सजा कब तक तय होती है।








