एनपीएस समाप्त कर ओपीएस लागू नहीं किया तो होगा संसद का घेराव

– पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने दी केन्द्र को चेतावनी

इटारसी। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने आज सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के आह्वान पर मीडिया के माध्यम से सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग के साथ चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गयी तो केन्द्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में संसद घेराव किया जाएगा।

आज यहां संगठन के मंडल सचिव योगेन्द्र शर्मा ने भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध भारतीय जीवन बीमा निगम के मप्र-छत्तीसगढ़ प्रभारी प्रवीण तिवारी के साथ मीडिया से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2004 से पूर्व केन्द्र एवं राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत सेवानिवृत्ति के समय सीसीएल पेंशन रूल 1972 के अंतर्गत पेंशन प्रदान करने की व्यवस्था थी जिसे भारत सरकार ने 22 दिसंबर 2003 को एक नोटिफिकेशन जारी कर समाप्त कर दिया और नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत कंट्रीबियूटरी पेंशन स्कीम लागू कर दी।

श्री शर्मा ने कहा कि प्रारंभ से ही केन्द्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी इस पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इस पेंशन स्कीम में कहीं भी न्यूनतम पेंशन की गारंटी नहीं है। इसके लागू होने के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन के रूप में जो धनराशि प्राप्त हो रही है।

वह 800 रुपए से 2400 रुपए तक है जबकि इसके लागू होने के पूर्व न्यूनतम पेंशन के रूप में 9000 प्लस महंगाई भत्ता प्राप्त होता है। यह अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए है जबकि अन्य कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 फीसद महंगाई भत्ते का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि जब न्यू पेंशन स्कीम लागू की गई, कर्मचारियों को कहा गया था कि यह बहुत अच्छी है, पुरानी पेंशन स्कीम से कम पेंशन नहीं मिलेगी जबकि परिणाम इसके विपरीत आ रहे हैं। आज तक सरकार ने न्यूनतम पेंशन की घोषणा नहीं की है जिससे कर्मचारियों में संशय की स्थिति है कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद कितनी पेंशन मिलेगी।

कर्मचारी लगातार एनपीएस का विरोध कर रहे हैं, इसे देखते हुए छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने अपने कर्मचारियों को एनपीएस समाप्त कर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की केवल घोषणा की है।

श्री शर्मा ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से अपील की है कि वह भी एनपीएस समाप्त करे और ओपीएस अपने कर्मचारियों पर लागू करे तथा सभी राज्य सरकारें भी यही करें। उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानी जाने पर दिल्ली में संसद का घेराव किया जाएगा। 

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