इटारसी। आज सावन का पहला सोमवार है, बाबा भोले के भक्तों के लिए यह मास उत्सव से कम नहीं होता है। आज सुबह से ही कांवडिय़े मंदिरों में उमड़ पड़े हैं और शिवलिंग का जलाभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। सैंकड़ों कांवडिय़ों ने आज भक्ति और उत्साह के साथ, भोले के भजनों पर झूमते हुए नर्मदापुरम से नर्मदा जल लाकर शिव का जलाभिषेक किया है।
शिव के भक्त हर शिवालय विशेष पारंपरिक सजावट, धूप-दीप और मंत्रोच्चारण के बीच भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन हैं। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं, जहां हर कोई बम-बम भोले के स्वर में ऊर्जा भर रहा है।
शिव की पसंदीदा सामग्री अर्पण

भक्त नियमित रूप से रुद्राभिषेक, बेलपत्र अर्पण, जल-गेहूं व भांग चढ़ाते हुए शिवपूजा कर रहे हैं। शिव मंदिरों में भजन-कीर्तन ध्वनि वातावरण को भक्तिमय बना रही है। पौराणिक विश्वास के अनुसार सावन के सोमवार को शिवपूजा विशेष पुण्य फलदायी मानी जाती है। सावन के महीने में, भक्त भगवान शिव की भक्ति में पूरी तरह से डूबे रहते हैं। इस दौरान, भक्त शिव मंदिरों में जाते हैं, व्रत रखते हैं, और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं। सावन में शिव भक्त कई तरह से अपनी भक्ति प्रकट करते हैं, जैसे व्रत रखना, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक, मंत्रों का जाप, शिवपुराण का पाठ, दान-पुण्य करना आदि के माध्यम से भक्त शिव को रिझाने की कोशिश करते हैं।
सावन में हरे, सफेद और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, ये रंग भगवान शिव को प्रिय हैं। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए एक विशेष समय है। इस महीने में भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।