नर्मदापुरम। यहां रामलीला महोत्सव के अंतर्गत दूसरे दिन मनु चरित्र एवं श्रीराम जन्म की लीला की प्रस्तुति की गई। इस दौरान भगवान बालराम की लीला एवं शंकर लीला की प्रभावी प्रस्तुति की गई।
लीला में बताया कि राजा दशरथ (Raja Dasharatha) अपने गुरु के पास गए और उन्हें अपनी इच्छा बताई। गुरु वशिष्ट ने श्रृंगी ऋषि को बुलवाया और उनसे शुभ मुहूर्त में पुत्र कामेष्ठी यज्ञ करवाया। मुनि के भक्ति पूर्ण यज्ञ से स्वयं अग्नि देव प्रसन्न हुए और अपने हाथों में हवि लेकर प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि यह हवी तुम जैसा उचित समझो रानियों में बांट दो।
राजा दशरथ ने उस हवी का आधा भाग कौशल्या और आधे बच्चे भाग के पुन: दो भाग किए और एक भाग उन्होंने कैकई को दिया और शेष भाग सुमित्रा को दिया। हवि का पायस लेकर कुछ समय पश्चात रानियों ने सुंदर पुत्रों को जन्म दिया। इस दौरान राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आज शाम को ताड़का वध की लीला की प्रस्तुति की जाएगी।
आज की लीला में सुभाष प्रसाद ने दशरथ अजय परसाई ने वशिष्ठ, दीपेश व्यास ने शंकर, प्रतीक दुबे ने विष्णु, आराध्य गार्गव ने अग्नि, विनोद परसाई ने सुमन्त और पृथ्वी की भूमिका नर्मदा प्रसाद हरियाले ने अदा की।