- इटारसी में संभवत: ऐसा पहला मामला जिसमें मृत्युदंड मिला
- 9 वर्ष की मासूम से जंगल में रेप करके घोंट दिया था गला
- आरोपी चॉकलेट का लालच देकर मासूम को ले गया था जंगल
इटारसी। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के केसला ब्लॉक में सगे फूफा द्वारा 9 साल की मासूम से रेप और गला घोंटकर जंगल में शव फेंकने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। मामले में सशक्त पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने की। घटना के पंद्रह दिन बाद ट्रायल शुरू हुआ था और करीब तीन माह में कोर्ट ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुना दी है। इसे यहां के विधिक इतिहास में पहला मृत्युदंड का मामला बताया जा रहा है। मामले को सशक्त बनाने में केसला पुलिस के तत्कालीन इंस्पेक्टर गौरव बुंदेला ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
रेप और हत्या के जघन्य कांड में आरोपी को सजा दिलाने में केसला पुलिस ने पूरी तैयारी की थी और एक-एक साक्ष्य और गवाह बनाए थे, जिससे केस को मजबूती मिली और द्वितीय अपर न्यायाधीश सुश्री सविता जडिय़ा ने आरोपी के खिलाफ मृत्यु दंड का फैसला दिया। इसे इटारसी के न्याय क्षेत्र में पहला ऐसा मामला बताया जा रहा है जिसमें किसी आरोपी को मृत्युदंड मिला हो।
पंद्रह दिन में ट्रायल शुरु हुआ था
जघन्य कांड 18 नवंबर को हुआ था और 30 नवंबर को पुलिस ने चालान पेश किया। उसी दिन चार्ज भी तैयार हुआ होकर 15 दिन में मामले में ट्रायल भी शुरू गया था। द्वितीय अपर सत्र मजिस्ट्रेट सविता जडिय़ा की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी सुश्री सविता जडिय़ा ने आज 21 फरवरी 2023 को आरोपी राहुल कवड़े 22 वर्ष, बैतूल को धारा 376 ए बी में मृत्युदण्ड एवं 5000 रुपए जुर्माना, 376 2 बी में आजीवन कारावास एवं 5000 जुर्माना, 302 भादवि में मृत्युदंड 5000 रूपये जुर्माना, 363 भादवि में 03 वर्ष का कारावास एवं 1000 रुपए जुर्माना, 5एम/6 में मृत्युदंड एवं 5000 रूपये जुर्माना, 5एन/6 में मृत्युदंड एवं 5000 रूपये जुर्माना से दंडित किया। आरोपी कोर्ट में जेल से ही उपस्थित हुआ था। यह इटारसी के इतिहास में पहली फांसी की सजा है।
यह है पूरा मामला
केसला में 18 नवंबर 9 साल की बच्ची को 22 साल के सगे फूफा ने चॉकलेट का लालच देकर उसे घर से दूर जंगल में ले गया। आरोपी फूफा ने नशा कर जंगल में पीडि़ता से रेप किया। फिर जंगल में ही पीडि़ता का गला घोंटकर उसकी जान ले ली। मासूस का शव जंगल में ही छोड़कर दोपहर में अपनी ससुराल आ गया था। बेटी साथ में न आने पर घर वालों ने फूफा से सवाल किए। शक न हो, इसलिए आरोपी ने खुद डॉयल 100 को कॉल करके बुलाया था। पुलिस ने छानबीन की तो पड़ोसियों से पता चला कि फूफा के साथ बच्ची को जाते हुए देखा था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो पहले उसने गुमराह करने की कोशिश की। जब सख्ती हुई तो उसने बताया कि उसने बच्ची को मार डाला है।
पांच घंटे की मशक्कत से मिला शव
घटना की रात 11 बजे एसपी डॉ. गुरकरन सिंह ने खुद केसला पहुंचे। 5 घंटे मोबाइल और इमजरेंसी लाइट के उजाले से सर्चिंग के बाद तड़के 4 बजे पुलिस को बच्ची का शव अर्धनग्न हालत में मिला। बच्ची के चेहरे पर कपड़ा ढंका था। एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, पथरौटा, इटारसी, रामपुर और तवानगर थाना प्रभारी, थानों के बल और एफएसएल टीम को भी बुलाया। एसपी स्वयं पुलिस टीम के साथ सर्च में जुटे। 5 घंटे चली सर्चिंग के बाद शव को ढूंढा जा सका। बच्ची का शव फायरिंग रेंज में मिला था।
आरोपी की पत्नी ने मांगी थी फांसी की सजा
मृतका की बुआ और आरोपी की पत्नी ने घटना के बाद ही कहा था कि जिस इंसान ने उसके साथ 7 फेरे लिए। उसने मेरे मायके आकर मेरी देवी स्वरूप भतीजी के साथ ऐसी गिरी हुई हरकत की। घिनौनी हरकत और हत्या के बाद खुद ही पुलिस को फोन लगाया। क्या पता जेल से छूटने के बाद मेरे साथ या किसी और बच्ची के साथ ऐसा ही करे। मुझे नहीं पता था कि वह इस तरह की दरिंदगी कर सकता है। वह मेरा पति जरूर है, लेकिन मैं चाहती हूं कि उसे फांसी की सजा दी जाए।
सशक्त पैरवी हुई तो मिली सजा
विवेचना के दौरान अभियुक्त को 19 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया। अभियुक्त से पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि उसने अभियोक्त्री को 18 नंबवर 2022 को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर जंगल में पेड़ के नीचे अभियोक्त्री के साथ जबरदस्ती बुरा काम (बलात्कार) किया एवं यह सारी बातें अभियोक्त्री द्वारा अपने घर पर बताने का कहने पर अभियुक्त ने मौके पर ही अभियोक्त्री की गला दबाकर हत्या कर दी एवं अभियोक्त्री को जंगल में कही छोड़ दिया। संचालक अन्वेष मंगलम के मार्गदर्शन में अभियोजन द्वारा 34 साक्षियों का परीक्षण कराकर 122 दस्तावेजों को प्रमाणित को कराया 21 दिवस की कुल विचारण अवधि में प्रकरण का त्वरित निराकरण कराया गया। शासन की ओर जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा एवं पैरवीकर्ता अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी एचएस यादव, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी भूरेसिंह भदौरिया ने अंतिम तर्क पेश किये साथ ही पैरवी के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रविन्द्र अतुलकर एवं मनोज जाट ने अभियोजन को सहयोग किया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्षियों, दस्तावेजों एवं अंतिम तर्क से सहमति होते हुये अभियुक्त को दण्डित किया।