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क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक संपन्‍न

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मुंबई। मध्‍य रेल, मुख्‍यालय, मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस(Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus) में आज महाप्रबंधक संजीव मित्‍तल(General Manager Sanjeev Mittal) की अध्‍यक्षता में क्षेत्रीय राजभाषा(Regional Official Language) कार्यान्‍वयन समिति की 169वीं एवं 170वीं संयुक्‍त बैठक का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस बैठक में मुख्‍यालय के सभी विभागों के प्रमुख विभागाध्‍यक्ष, मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक, कारखानों के मुख्‍य कारखाना प्रबंधक, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, मुंबई के प्रतिनिधि के रूप में विश्‍वनाथ झा(Vishwas Jha), उप निदेशक (प्रशिक्षण) तथा सुष्मिता भट्टाचार्य(Shusma Bhattacharya), उप निदेशक (कार्यान्‍वयन) माइक्रोसॉफ्ट टीम एप्‍प(Microsoft team app) के माध्‍यम से सहभागी हुए। बैठक के प्रारंभ में उप महाप्रबंधक (राजभाषा) विपिन पवार ने सभी सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए संक्षेप में बैठक की रूपरेखा प्रस्‍तुत की ।

बैठक की कार्यवाही के अगले चरण में बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान मुख्‍य सामग्री प्रबंधक एवं मुख्‍य राजभाषा अधिकारी आदित्‍य शर्मा(Official Language Officer Aditya Sharma) ने कहा कि मध्‍य रेल पर मुख्‍य राजभाषा अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्‍चात वीडियो कान्‍फ्रेसिंग के माध्‍यम से आयोजित आज की बैठक में मैं आप सभी का हार्दिक स्‍वागत करता हूँ । मुख्‍यालय में राजभाषा विभाग द्वारा दिनांक 14.09.2020 से 28.09.2020 तक हिंदी पखवाड़ा मनाया गया । इस पखवाड़े के दौरान कर्मचारियों के लिए हिंदी निबंध, स्‍लोगन, कविता पाठ तथा वरिष्‍ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारियों के लिए सुलेखन प्रतियोगिताओं का ऑनलाइन आयोजन किया गया । सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लिया। आज इस अवसर पर अध्‍यक्ष महोदय की अनुमति से इन प्रतियोगिताओं के विजेता अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नामों की घोषणा की जाएगी।

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आज की बैठक में विभिन्‍न कार्यालयों से प्राप्‍त जनवरी से मार्च तथा अप्रैल से जून, 2020 तक की छह महीनों की अवधि की राजभाषा संबंधी रिपोर्टों की समीक्षा की जाएगी। राजभाषा संबंधी प्रगति का आकलन आंकड़ों के आधार पर करना हमारी अनिवार्यता है। अत: समीक्षाधीन तिमाहियों की आपके कार्यालयों से प्राप्‍त रिपोर्टों में दिए गए आंकड़ों का अवलोकन करने पर मैंने पाया है कि अधिकतर मदों में आप सभी के द्वारा लक्ष्‍य हासिल कर लिया गया है। यह इस बात को दर्शाता है कि दैनिक कार्यों में राजभाषा का प्रयोग बढ़ाने के लिए आप सभी के द्वारा बेहतर प्रयास किए गए हैं। फिर भी हमें इतने पर ही संतुष्‍ट नहीं होना चाहिए बल्कि सभी मदों में हिंदी का निर्धारित लक्ष्‍य से अधिक प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

विगत दिनों अपने विभागीय निरीक्षणों के दौरान मैंने यह महसूस किया है कि स्‍टेशनों पर हिंदी में काफी अच्‍छा काम होता है। स्‍टेशनों पर लगाई जाने वाली राजभाषा प्रदर्शनियों को देखने पर महसूस होता है कि हर कर्मचारी हिंदी में काम करने में रूचि लेता है। मैं समझता हूं कि आप सभी के प्रयासों से ही मध्‍य रेल पर हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्‍मक माहौल तैयार हुआ है।

बैठक की कार्यसूची का अवलोकन करने पर मैंने यह पाया है कि हिंदी में टिप्‍पणी, हिंदी डिक्‍टेशन, निरीक्षण टिप्‍पणी ऐसी मदें है जिनमें हिंदी का यदि अधिक से अधिक प्रयोग किया जाता है, तो कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग में निश्चित रूप से बढ़ोत्‍तरी होगी।

मैं चाहूँगा कि बैठक की कार्यवाही के दौरान जिन मदों में कमियां पाई जाएंगी तथा अध्‍यक्ष महोदय और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि द्वारा जो भी सुझाव दिए जाएंगे, उन सभी कमियों को दूर करने तथा सुझावों का अनुपालन करने हेतु आप सभी के द्वारा हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए समिति के अध्‍यक्ष एवं मध्‍य रेल के महाप्रबंधक संजीव मित्‍तल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते संचार के इस तकनीकी माध्‍यम के जरिए आप सभी के साथ संवाद स्‍थापित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्‍नता हो रही है । वैसे तो रेल संचलन के अलग-अलग विषयों को लेकर आप सभी के साथ अक्‍सर चर्चा होती रहती है। किंतु आज भाषा जैसे आत्‍मीयतापूर्ण विषय को लेकर आप सभी के साथ पुन: एक बार संवाद स्‍थापित करने में मुझे सुखद अनुभूति हो रही है।

मध्‍य रेल को हर क्षेत्र में अग्रणी रखने हेतु आप सभी ने हमेशा प्रयास किए हैं। इसी प्रकार, मध्‍य रेल पर राजभाषा हिंदी के उत्‍तरोत्‍तर प्रयोग-प्रसार एवं अलग-अलग मदों में हिंदी के प्रयोग के लिए निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने हेतु आप सभी के द्वारा किए गए प्रयासों एवं उनके फलस्‍वरूप इन मदों में हुई प्रगति का जायज़ा लेने के लिए तीन महीनों में एक बार हम सब एकत्रित होते हैं। किंतु इस बार वैश्विक महामारी के कारण हमें दो तिमाहियों की संयुक्‍त बैठक आयोजित करनी पड़ रही है। आज की बैठक में, मैं आप सभी के साथ राजभाषा हिंदी की प्रगति के विषय में थोड़ी-सी अनौपचारिक चर्चा करने के साथ-साथ हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के संबंध में अपने विचार रखना चाहूँगा।

संविधान के अनुच्‍छेद 343(1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों की आधिकारिक भाषा है। केंद्र सरकार के कार्मिक होने के नाते राजभाषा संबंधी सभी प्रावधानों एवं गृह मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का अनुपालन स्‍वयं सुनिश्चित करना तथा अपने अधीनस्‍थों को इसके लिए प्रेरित करना हम सबका दायित्‍व है। आज मुझे यहां पर यह कहते हुए जरा भी संकोच नहीं हो रहा है कि केंद्र सरकार के अन्‍य कार्यालयों की तुलना में रेल कार्यालयों मेंनिश्चित रूप से हिंदी में काफी अधिक काम होता है और मैं समझता हूँ कि यह सब आप सभी के द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है। गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि को मैं यह बताना चाहूँगा कि मध्‍य रेल पर जनसंपर्क से लेकर प्रशासनिक एवं यहां तक कि तकनीकी क्षेत्र में भी हिंदी में काम करने में अधिकारी एवं कर्मचारी गहरी रूचि रखते हैं।

राजभाषा संबंधी बैठकों में भाग लेते हुए मुझे हमेशा गर्व की अनुभूति होती है क्‍योंकि अपनी भाषा में संवाद स्‍थापित करने का एक अलग ही आनंद होता है। उसमें एक प्रकार का अपनत्‍व होता है और मैं समझता हूँ कि अपनी भाषा में हम जितने प्रभावी ढंग से विचारों की अभिव्‍यक्ति कर सकते हैं उतनी किसी अन्‍य भाषा में नहीं। मेरा ऐसा मानना है कि अन्‍य विभागों की अपेक्षा रेल विभाग में भाषा का एक असाधारण महत्‍व है क्‍योंकि रेलें लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती हैं और यह भाषा के कारण ही संभव हो पाता है। हिंदी ही ऐसी एकमात्र भाषा है जो देश के अधिकतर भू-भाग में बोली तथा समझी जाती है। मैं चाहूँगा कि आप सब इन पत्रिकाओं के लिए अवश्‍य कुछ-न-कुछ लिखने का हमेशा प्रयास करें तथा अपने अधीनस्‍थों को भी इसके लिए प्रेरित करें। तीसरा और सबसे महत्‍वपूर्ण मुद्दा है, जनसंपर्क से जुड़ी मदों में हिंदी का प्रयोग क्‍योंकि इन मदों को लेकर हमें अक्‍सर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, इसलिए मैं चाहूँगा कि आप सभी के द्वारा इस पर पैनी नजर रखी जाए।

इसके पश्‍चात उप महाप्रबंधक (राजभाषा) विपिन पवार ने बैठक की कार्यसूची की विभिन्‍न मदों पर सभी सदस्‍यों के साथ विस्‍तार से चर्चा की। बैठक में उपस्थित हिंदी शिक्षण योजना के विश्‍वनाथ झा, उप निदेशक (प्रशिक्षण) तथा सुष्मिता भट्टाचार्य, उप निदेशक (कार्यान्‍वयन) ने मध्‍य रेल पर हिंदी में किए जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। बैठक के अंत में उप महाप्रबंधक (राजभाषा) विपिन पवार ने सभी सदस्‍यों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

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