- उदयपुर में पांच दिवसीय ईको यूरेका किट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
इटारसी। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार (National Council for Science and Technology Communication Department of Science and Technology Government of India) के सहयोग से साइंस सेंटर ग्वालियर मध्य प्रदेश (Science Center Gwalior Madhya Pradesh) की ओर से इंस्टीट्यूट फॉर इकोलॉजी एंड लाइवलीहुड (Institute for Ecology and Livelihood) के सानिध्य में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर (Rajasthan State Council of Educational Research and Training Udaipur) में प्रकृति मीडिया शाला ईको यूरेका किट प्रशिक्षण कार्यशाला (Media Shala Eco Eureka Kit Training Workshop) में इटारसी (Itarsi) से वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद बी एल मलैया (B.L. Malaiya) शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में देश के पश्चिमी भारत के गोवा, दादरा, नगर हवेली, दमन एवं दीव, गुजरात तथा राजस्थान से 25 शिक्षक गए। कार्यशाला में देश के पश्चिमी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चुने हुए 25 शिक्षक राष्ट्रीय संदर्भ अध्यापक समूह अब सक्रिय रहकर देश भर में विज्ञान को प्रकृति के बीच जाकर समझने की विधाओं का बढ़ाने में सहयोग करेंगे। शिक्षकों को प्रशिक्षित करन देशभर से वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया था। जिन्होंने ईको यूरेका किट को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यशाला में एस्ट्रोनॉमी के अंतर्गत सूर्य ग्रहण, तारों तथा ग्रहों की पहचान, स्टार डायल आदि उपकरण के माध्यम से अभ्यास कराए। पर्यावरणविद डॉ. सुनील दुबे ने जैव विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विश्व बैंक से डॉ. विनय पटनायक ने विज्ञान को सरलीकरण करने के रास्ते सुझाए एवं साइंस सेंटर ग्वालियर मध्य प्रदेश की राज्य सचिव संध्या वर्मा ने मौसमी यंत्रों के उपयोग करने के तरीके सुझाए। कार्यशाला के समापन पर बीएल मलैया को सर्टिफिकेट आफ एक्सीलेंस से पुरस्कृत किया। वे विज्ञान के क्षेत्र में देश एवं विदेशी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।