मदन शर्मा, नर्मदापुरम। न्याय के देवता शनिदेव की जयंती (Shani Jayanti) शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसी दिन वट सावित्री (Vat Savitri) अमावस्या (Amavasya) रहेगी। यह दिन पूजा-पाठ कर शनि पीड़ा से राहत के लिए खास माना जाता है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती, ढैया का प्रभाव है, या शनि की महादशा, अंतर्दशा चल रही है, उनके लिए इस दिन शनिदेव की आराधना करना विशेष फलदायी माना गया है। ग्रह नक्षत्रों के मेल से शनि जयंती के दिन विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं।
आचार्य सोमेश परसाई (Acharya Somesh Parsai) ने बताया कि इस बार कृतिका योग (Kritika Yoga) में शनि अमावस्या पड़ रहीं हैं। इस दिन सौम्यवार भी हैं। इसके साथ वट सावित्री अमावस्या भी है। वट सावित्री पर पत्नि अगर पति के लिए वट का पूजन करेंगी, तो उसके पति की आयु बढ़ेगी। वहीं जिन जातको की कुंडली में शनि का दोष, ग्रहों का दोष है, तो वह जातक गरीबों को दान करें। जैसे चेहरा देखकर तेल दान, नई पादुका दान, पुराने वस्त्र दान का बड़ा महत्व शनि अमावस्या पर रहता है।
आचार्य ने बताया की गरीबों को सूखी खिचड़ी नहीं, बनाकर दान करना चाहिए। संध्या काल में मां नर्मदा में बिना प्रदूषण किए दीपदान करना चाहिए। वहीं जिले स्थित शनि मंदिरों में न्याय के देवता की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।