इटारसी। डोलरिया अंतर्गत ग्राम पतलई कला में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) का का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। व्यास पीठ पर वैदिक रीति नीति एवं मंत्रोच्चार के बीच कलशों की स्थापना की गई। वैदिक रीति के साथ शुरू हुई कलश शोभायात्रा में सिर पर कलश रखकर गांव की कन्याएं व महिलाओं ने सैकड़ों की संख्या में भाग लिया। गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा ने समूचे गांव का भ्रमण किया। पहले दिन की कथा का गुणगान करते हुए व्यास महाराज पं रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि कथा का श्रवण करने मात्र से ही प्राणी का उद्धार हो जाता है। सभी को एकाग्रचित मन से कथा का श्रवण कर जीवन को कल्याणकारी बनाना है। पं शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के मन को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को धार्मिकता के साथ अपने जीवन में पुण्य करना चाहिए। कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन भी होते है और मनुष्य को इसका फल मिलता है। वहीं कोरोना महामारी को देखते हुए कथा स्थल पर कथा सुनने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से बिठाया गया।