इटारसी। होली (Holi) का उत्सव फीका रहा। सड़कों पर हुरियारों की इक्का-दुक्का टोली दिखीं। साफ है, त्योहार पर कोरोना का असर था। हालांकि होली के पिछले वर्षों की तुलना में आज बाजार में कई दुकानें खुली रहीं। चाय-नाश्ता, मिठाई के अलावा रंग और गुलाल, पिचकारी की दुकानें खुली रहीं जबकि अन्य वर्षों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहता था। सुबह से दोपहर तक बाजार में लोग दिखाई दिये अलबत्ता धूप का तीखापन और गर्म हवा के कारण दोपहर में लॉकडाउन जैसा नजारा दिखा। जयस्तंभ चौक के पास एसडीएम एमएस रघुवंशी (SDM MS Raghuvanshi) के साथ नायब तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर (Naib Tehsildar Vinay Prakash Thakur), निधि पटेल (Nidhi Patel) के साथ ही, आरआई, पटवारी मौजूद रहे। चौक-चौराहों पर कहीं-कहीं पुलिस भी दिखी।
कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर सड़कों पर सन्नाटा रहा, युवाओं की टोलियों का पिछले वर्षों जैसा हुड़दंग नजर नहीं आया। सड़कें सुनसान थी तो गली-मोहल्लों में जरूर बच्चों की रंग-गुलाल और पिचकारी के साथ मस्ती चली। ग्रामीण इलाकों में होली का त्योहार मना। हुरियारों की टोली फाग गाते हुए गांव में घूमी। गांव और शहर में भी लोगों ने एक-दूसरे से मिलकर बधाई दी। कोरोना के चलते कहीं भी सार्वजनिक आयोजन की अनुमति नहीं है, अत: ऐसे आयोजनों से लोगों ने परहेज किया। चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात रही।
रात में हुआ होलिका दहन
रात में ज्यादातर स्थानों पर होलिका उत्सव (Holika Utsav) समितियों ने शासन द्वारा तय गाइड लाइन के अनुसार होलिका दहन कर दिया था। कुछ समितियों ने देर रात को दहन किया तो कुछ ने अल सुबह होली जलायी। रात में जहां होली रहीं, वहां पुलिस बल लगाया गया था। पुलिस के वाहन भी रात में घूमते रहे। लेकिन पहले की अपेक्षा पुलिस की गश्त औपचारिक ही रही। शहर में लगभग हर मोहल्ले में दो से तीन होली थीं और उत्सव समिति के सदस्य मौजूद रहे थे। सुबह करीब दस बजे के बाद से बच्चों ने रंग खेलना शुरु किया था तो दोपहर 12 बजे के बाद युवाओं के इक्के-दुक्के दल सड़कों पर दिखाई दे रहे थे।