श्री आदिनाथ जयंती पर हुए कवि सम्मेलन में कविताओं से भाव विभोर हुये श्रोता

Post by: Rohit Nage

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इटारसी। कावेरी एस्टेट (Kaveri Estate) स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर (Shri Adinath Digambar Jain Temple) में श्री आदिनाथ जयंती (Shri Adinath Jayanti) पर संत शिरोमणि विद्यासागर जी महाराज (Sant Shiromani Vidyasagar Ji Maharaj) की स्मृति में हुए कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) में विविध विषयों पर कविताएं सुनकर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोता भाव विभोर हो गये। कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई।

समाज के वरिष्ठ सदस्य मुकेश कुमार जैन (Mukesh Kumar Jain), अरविंद कुमार जैन एडवोकेट (Arvind Kumar Jain Advocate), महावीर जैन समिति के अध्यक्ष संजय जैन (Sanjay Jain), सचिव जिनेंद्र जैन (Jinendra Jain), आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर स्वागताध्यक्ष अरविंद जैन (Arvind Jain), सचिव नीलेश जैन (Nilesh Jain), शांतिनाथ जिनालय के अध्यक्ष अरुण गोयल ( Arun Goyal), पाश्र्वनाथ शामिल हैं। दिगंबर जैन मंदिर के पीयूष जैन और तरण तरण जिनालय के अध्यक्ष अतुल और कवियों ने दीप जलाकर और पुष्प अर्पित कर गुरु को श्रद्धांजलि दी। कविता की शुरूआत हुई कवियत्री प्रमिला किरण द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से। प्रमिला किरण ने संत शिरोमणि विद्यासागर जी महाराज को भी अपना छंद समर्पित कर आदरांजलि दी। इसके बाद आल्हा तर्ज पर सामायिक संदर्भों में कविता गाकर लोकप्रिय हो रहे युवा कवि सुनील सांवला ने अपने अनोखे अंदाज पर खूब तालियां बटोरी।

व्यंग्यकार सुभाष भारती ने अपने तीखे व्यंग्यों से सामाजिक विसंगतियों पर चोट की। कवियत्री श्रीमती रवि जैन ने आचार्य श्री पर बहुत अच्छी कविता सुनाई। संचालक कवि पवन प्रबल ने जहां अपनी चुटीली व्यंग्योक्ति और मुक्तकों से श्रोताओं को हंसाते गुदगुदाते हुये कविता से जोड़े रखा। इटारसी नगर को गौरवान्वित करने वाले अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि राजेन्द्र मालवीय आलसी ने अपने अनूठे अंदाज में जहां श्रोताओं को हंसाया, गुदगुदाया वहीं कुछ चिंतन पूर्ण काव्य पंक्तियों से सभी का दिल जीतकर तालियां भी बटोरी। याद रह जायेंगे बस यही दो चार पल जो आपके साथ मोहब्बत में गुजर जायेंगे। इटारसी में स्व.विपिन जोशी की गीत परम्परा को निरंतरता देने वाल गीतकार रामकिशोर नाविक ने कवि सम्मेलन को अपनी काव्य पंक्तियों से अभिनव ऊंचाईयां प्रदान कीं। समापन पर दीपक जैन ने मंदिर की ओर से आभार प्रकट किया।

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