– विधायक के जवाब में जलसंसाधन मंत्री ने कहा निविदा प्रक्रियाधीन है
इटारसी। तीन वर्ष पूर्व मंत्रि परिषद ने तवा बांध (Tawa Dam) में जम रही गाद को हटाने का निर्णय लिया था। अब तक बांध से गाद निकालने के काम का ठेका नहीं हुआ है। ऐसे में बांध से गाद निकालने का काम कब प्रारंभ होगा, यह भी निश्चित नहीं है। तीन वर्ष में सरकार इसका ठेका भी तय नहीं कर पायी है।दरअसल, यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि स्वयं जल संसाधन मंत्री तुलसराम सिलावट (Tulsaram Silawat) ने विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) के विधानसभा में पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में कहा है। विधायक ने पूछा था कि 9 अगस्त 2019 को लिये गये निर्णय अनुसार जिले में तवा बांध में जम रही गाद को हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बांध से गाद निकालने का काम कब से किस फर्म द्वारा किया जाएगा। जवाब में श्री सिलावट ने कहा कि इसकी निविदा आमंत्रित की गई है और निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, इसलिए फर्म का नाम और कार्य प्रारंभ करने की समयसीमा बताना संभव नहीं है।विधायक ने यह भी प्रश्न किया था कि शासन तवा बांध से निकाली गई गाद के पोषक तत्वों की जांच करायेगा ताकि गादयुक्त पानी के सिंचित कृषि भूमि एवं फसल पर प्रभाव की जानकारी मिल सके। जवाब में मंत्री ने कहा कि जलाशय ये निकाली जाने वाली गाद की जांच का दायित्व ठेकेदार का होगा।
आबादी भूमि संबंधी प्रश्न उठाया
विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने राजस्व मंत्री से प्रश्न किया है कि तत्कालीन विधायक गिरिजाशंकर शर्मा (Girijashankar Sharma) के प्रश्न 18 नवंबर 2009 के प्रश्नांश में आबादी की भूमि पर काबिज नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जाने संबंधी आश्वासन दिया गया था? इसके अनुसार किन-किन क्षेत्रों के के नागरिकों के नाम अंकित किया जाना था? अभी तक किस क्षेत्र के कितने नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित करा दिये गये हैं एवं कितने क्षेत्रों के शेष है। क्या शासन सुनिश्चित करेगा कि आबादी भूमि में बसे नागरिकों में से प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रतिमाह या प्रतिवर्ष एक व्यक्ति का नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जाएं ताकि कुछ नाम राजस्व अभिलेख में चढ़ा सकें। क्या शासन इस संबंध में कोई आदेश देगा?
राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) ने जवाब दिया कि ग्रामों की आबादी का भू-अभिलेख तैयार करने के संबंध में सभी कलेक्टर्स (Collectors) को लिखा गया था। जिले में ग्रामीण आबादी में ड्रोन सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के समस्त 52 जिलों में आबादी सर्वे की अधिसूचना जारी कर कार्य प्रारंभ है। इस योजना के तहत उन संपत्तिधारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा जो मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के लागू होने की दिनांक 25 सितंबर 2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे, अभवा जिन्हें इस दिनांक के पश्चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखंड का आवंटन किया गया।