दुर्गम रास्तों को पार करते हुए श्रद्धालु अपने इष्ट के दर्शन करने पहुंच रहे है

Post by: Rohit Nage

पचमढ़ी। नागद्वारी गुफा में अपने इष्ट के दर्शन करने श्रद्धालुओं का जनसैलाब निरंतर उमड़ रहा है। भारी बारिश के बीच पचमढ़ी की नागद्वारी गुफा श्रद्धालुओं के बम भोले के जयकारे से गूंज रही है। बारिश भी श्रद्धालुओं की आस्था में कोई रुकावट पैदा नहीं कर रही है। विभिन्न राज्यों एवं जिलों से आए हजारों श्रद्धालु पचमढ़ी के दुर्गम एवं कठिन रास्तों से गुजर कर दुर्गम पहाडिय़ों को पार करते हुए अपने इष्ट के दर्शन करने लगातार नागद्वारी गुफा पहुंच रहे हैं। आज तक लगभग विभिन्न राज्यों एवं जिलों से आए एक लाख श्रद्धालुओं ने नागद्वारी गुफा में दर्शन किए। सभी श्रद्धालुओं ने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की।

जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस वर्ष सीसीटीवी द्वारा पदम शेष नागद्वार मंदिर की चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है। महादेव मेला समिति द्वारा मेला क्षेत्र में होने वाली समस्त गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए कंट्रोल रूम बनाया है, कंट्रोल रूम से व्यापक निगरानी एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। जिला प्रशासन की ओर से जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोजान सिंह रावत अपने अधिकारियों की टीम के साथ मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर मेले का अपडेट लिया जा रहा है। जहां कमी पाई जा रही है, वहां तत्काल संसाधनों की आपूर्ति की जा रही है। नागद्वारी मेला क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को तत्परता से हल किया जा रहा है।

वन विभाग द्वारा एक गड्ढा खोदने वाली मशीन एवं दो ट्रैक्टरों को दस दिन अधिग्रहण कर काजरी के रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है। जिससे जिप्सियों एवं अन्य वाहनों का आवागमन सुगम हो रहा है। लोक निमार्ण विभाग द्वारा महादेव मेला समिति के माध्यम से नागद्वारी गुफा क्षेत्र में कोटा स्टोन एवं नानस्कोड टाईल से सुधार कार्य कराया गया है, जिसमें लगभग 8 से 10 लाख रुपये जिला प्रशासन द्वारा खर्च कराये गये हैं।

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष प्रथम दिवस से ही वाहन परमिट वाहन मालिकों द्वारा उत्सुकता दिखा कर स्वयं प्राप्त किया जा रहा है। जिसके कारण आज दिनांक तक 390 परमिट महादेव मेला समिति द्वारा जारी किये जा चुके है। जिसके कारण प्रतिवर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक परमिट जारी किए जा चुके है। जिला परिवहन विभाग द्वारा मेले से पूर्व ही बसों का किराया निर्धारित किया गया था। रविवार को सीईओ जिला पंचायत सोजान सिंह रावत द्वारा कंट्रोल रूम में संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर मेला व्यवस्थाओं को रिव्यू किया तथा आवश्यक निर्देश दिये।

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