इटारसी। श्री बूढ़ी माता मंदिर इटारसी में शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा के पहले दिन भव्य कलश यात्रा के साथ आयोजन प्रारंभ हुआ। कलश यात्रा में महिलाएं अधिक संख्या में उपस्थित थीं और गाजे-बाजे के साथ सभी ने सज धज के कलश यात्रा में देवी पुराण को सिर पर रखकर यात्रा की।
कथा के पहले दिन राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवत आचार्य पंडित सोमनाथ शर्मा ने महात्म के साथ श्रीमद् देवी भागवत की कथा को प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य अपने जीवन में देवी को प्रसन्न कर लेता है, उसे समस्त जगत के देवता और भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए देवी के पूजन का महत्व हमारे सनातन धर्म है। पहले दिन कथा में महात्म की तीन कथाओं को सुनाया गया जिसमें श्यानतक मणि का प्रसंग जब भगवान श्री कृष्णा स्मरणीय को लेने गए थे और लंबे समय तक कई दिनों तक नहीं लौटे तो उनके पिता वासुदेव जी ने भी श्रीमद् देवी भागवत की कथा को सुना था और भगवान श्री कृष्णा उन्हें प्राप्त हुए थे।
आगे कथा में शुद्धियों ने और इलाके सुंदर कथा को सुनाया गया और तीसरी कथा में महत्व में सुनाया गया कि किस प्रकार रेवती नक्षत्र पृथ्वी पर गिर गए थे और प्रमोद मुनि ने अपनी तपस्या से उनको पुन: स्थित किया था। देवी भागवत की कथा के पहले दिन महात्म के बाद कथा सुनने की विधि विधान यह बताया और साथ ही बताया कि देवी भागवत की कथा को क्यों सुनना चाहिए, कब सुनना चाहिए और कैसे सुनना चाहिए। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक है। कथा का आयोजन श्री बूढ़ी माता मंदिर समिति के द्वारा कराया जा रहा है।