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नपाध्यक्ष ने दिल्ली की टीम के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने नालों का किया सर्वे

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इटारसी। नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पंकज चौरे (Municipal Council President Pankaj Chaure) ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर काम करना शुरु कर दिया है। इसके लिए डीपीआर तैयार कराई जा रही है।

डीपीआर तैयार कराने के लिए नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे (Municipal Council President Pankaj Chaure) ने खुद कमान संभाली है। इसी के तहत दिल्ली से बुलाए गए एक कंसलटेंट के साथ श्री चौरे ने शहर के दोनों छोर से बहने वाली सीपीई से साकेत पलकमति नदी और मेहरागांव नदी सहित इनमें मिलने वाले सभी नालों का 7 घंटे लगातार सर्वे किया। सर्वे के दौरान नगरपालिका की एई सुश्री मीनाक्षी चौधरी, उपयंत्री आदित्य पांडे भी साथ रहे।

नालों पर एसटीपी निर्माण करने से शहर के घरों, कारखानों, होटलों से निकलने वाला गंदा व जहरीला पानी साफ होकर आगे की ओर बहेगा, जिससे मां नर्मदा में प्रदूषित जल नहीं मिलेगा और इससे किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि इटारसी से निकलने वाले नाले से किसान खेती भी करते हैं।

पलकमति नदी : सीपीई से साकेत ग्राम

इटारसी की सीमा में सीपीई से पहाड़ी नदी पलकमति शहर में प्रवेश करती है जो शहर में नाले में तबदील हो जाती है, इसे पथरोटा और आसपास पलकमति नदी कहा जाता है कि जबकि शहर में यह सांकलिया नदी हो जाती है।

इसमें पुरानी इटारसी (Old Itarsi) में गगन मगन के पास से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पीछे लगभग 3 वार्डों का पानी आकर मिलता है। घाटली नाका पर इसमें घाटली से आने वाली नदी मिलती है। इससे थोड़े आगे इस नदी में देवल मंदिर के पास से खेड़ापति मंदिर होकर आने वाला नाला मिलता है।

नदी पर आगे जाकर बंगलिया रेलवे वासिंग साइडिंग पर पुरानी इटारसी के शिवराजपुरी कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी, राममंदिर एरिया सहित आसपास के 4 वार्ड का पानी आकर मिलता है।

नदी सांकलिया पुल से आगे जाती है तब इसमें भोपाल रेल लाइन के पास खेडा पर मौजूद कब्रिस्तान के पीछे औघोगिक क्षेत्र से आने वाले नाले का पानी मिलता है। इसी नदी में रेल पटरी पार करके जाने के बाद न्यास कॉलोनी, मुख्य बाजार क्षेत्र, 18 बंगला, गरीबी लाइन, कावेरी स्टेट सहित आसपास का सारा पानी मिलता है। आगे सोनासांवरी नाला पर पुल के पास इस नदी में सूरजगंज होकर जाने वाला मुख्य नाला और सोनासांवरी ग्राम का पानी मिलता है। आगे एलकेजी कॉलोनी से होकर यह नदी साकेत के पास मेहरागांव नदी से मिल जाती है। इन सभी पाइंटों का नगरपालिका अध्यक्ष ने अपनी इंजीनियरिंग टीम और दिल्ली से आए कंसलटेंट के साथ मिलकर सर्वे किया।

मेहरागांव नदी : जमानी रोड से बूढ़ी माता मंदिर

इटारसी की सीमा में जमानी रोड पर सीपीई के पीछे से एक नाला प्रवेश करता है जोकि नरेंद्र नगर, 12 बंगला होकर ठंडी पुलिया से नाला मोहल्ला में प्रवेश करता है। जमानी रोड से इसमें वार्ड 02, 05, 33 और 34 ड्रेनेज का पानी बहता है। वहीं इटारसी के नाला मोहल्ला एरिया में ठंडी पुलिया से होकर आगे जाने वाले इस नाले के साथ ही नाला मोहल्ला के मेहरागांव नदी के पास वाले हिस्से का सीवरेज का पानी मेहरागांव नदी में मिलता है।

इस नदी में नया यार्ड व मेहरागांव का गंदा पानी भी आकर मिलता है। नाला मोहल्ला के नाले में वार्ड 24, 25, 26, 27, 28, 23, 22 का गंदा पानी मिलता है। आगे की ओर कुंडा घाट दीपक अग्रवाल की रहवासी कॉलोनी के पीछे की ओर नाला मोहल्ला का नाला मेहरागांव नदी में मिलता है। आगे जाकर बूढी माता मंदिर के पीछे वार्ड 18, 19, 20, 16 का पानी मेहरागांव नदी में आकर मिल जाता है। इन सभी स्थानों का सर्वे किया।

नगरपालिका अध्यक्ष ने इसलिए किया स्थल सर्वे

नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे (Municipal Council President Pankaj Chaure) का कहना है कि जब तक आप किसी भी कार्य जिसे करना है उसका खुद से स्थल निरीक्षण नहीं करेंगे वह सही नहीं होगा। इसलिए उन्होंने निरीक्षण किया।

श्री चौरे ने कहा कि इस सर्वे का फायदा नालों पर ग्रेवियन पद्धति से पिचिंग लगाने की जो योजना है उसमें भी लाभ होगा। श्री चौरे ने कहा कि सर्वे के दौरान कंसलटेंट को बताया कि शहर में किस पाइंट से बरसात में कितनी मात्रा में पहाड़ी पानी आता है जो शहर में बाढ का कारण बनता है। वही शहर से कितना पानी दोनों ही नदियों में मिलता है यह बताया है।

नपाध्यक्ष श्री चौर ने कहा कि पहाड़ी नालों से बरसात में आने वाले पानी और रोजाना शहर से निकलने वाले पानी की क्षमता बताना इसलिए जरूरी था ताकि वह डीपीआर बनाते समय कंसलेटेंट का यह पाता हो और उसी क्षमता के आधार पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी साफ करने की क्षमता के आधार पर प्लांट बन सके।

इस तरह के एसटीपी पर का है विचार

– नगरपालिका अध्यक्ष श्री चौरे की मंशा है कि सीपीई से इटारसी में प्रवेश करने वाली पलकमति नदी और मेहरागांव नदी में जितने भी पाइंट पर शहर के बडे नाले मिल रहे हैं वहां पर छोटे-छोटे एसटीपी बनाकर नदी का पानी शहर में ही साफ रखते हुए आगे बहाया जाए।

– वहीं यदि छोटे एसटीपी शासन की गाईडलाइन में नहीं आते हैं तो एक एसटीपी सोनासांवरी नाका और एक एसटीपी बूढी माता मंदिर के पीछे बनाने की योजना है। इसके अलावा जहां दोनों नदियां पहुंचकर साकेत के पास अंदर खेतों के बीच में मिलती है वहां भी मुख्य एसटीपी बनाने पर विचार हो सकता है।

इनका कहना है

विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) की मंशा के अनुरुप शहर से निकलने वाले प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने की योजना पर काम शुरु किया है। इससे शहर का प्रदूषित पानी मां नर्मदा में साफ होकर जाएगा और जो किसान अभी गंदे पानी से खेतों में खेती करते हैं उन्हें भी साफ पानी मिल सकेगा।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए डीपीआर तैयार कराई जा रही है। इसके लिए प्रारंभिक सर्वे किया है। कंसलटेंट को सारे नाले दिखा दिए हैं और हम किस तरह के एसटीपी चाहते हैं वह भी बता दिया है। वह अब डीपीआर तैयार करेगा। उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।

पंकज चौरे, अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद इटारसी

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