पिपरिया। पुलिस ने हत्या के एक आरोपी को महज 8 घंटे में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। 08 अप्रैल 24 को फरियादी रामकुमार पिता हृदय सिंह अहिरवार उम्र 28 साल निवासी ग्राम गाड़ाघाट ने थाना पिपरिया ने सूचना दिया कि आज सुबह करीब 7.45 बजे यह अपने दोस्त शंकरलाल अहिरवार पिता छन्नू लाल अहिरवार उम्र 35 साल निवासी हथवास के साथ मजदूरी के लिये रोज की तरह मंगलवारा चौराहा के पास आया था, मजदूरी पर दूसरी जगह जाने की बात को लेकर पप्पू ठेकेदार उर्फ चंद्रभान कोरी निवासी गांधी वार्ड पुरानी बस्ती पिपरिया से विवाद हो गया तो पप्पू ने शंकर लाल की छाती में चाकू से 02-03 बार वार किया जिससे शंकरलाल को गंभीर चोट आने से मौके पर मृत्यु हो गई। सूचना पर थाना पिपरिया में आरोपी पप्पू उर्फ चंद्रभान कोरी के विरूद्ध धारा 103 (1) बीएनएस के तहत अपराध पंजीवद्व कर विवेचना में लिया।
घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। एसपी गुरकरन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशुतोष मिश्र, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पिपरिया मोहित कुमार यादव ने प्रकरण की गंभीरता से लेते हुये विवेचना एवं आरोपी की गिरफ्तारी हेतु थाना प्रभारी पिपरिया के नेतृत्व में टीम गठित की। मृतक शंकरलाल अहिरवार के शव का पंचनामा किया गया एवं पोष्टमाटम कराया गया मृतक के शव का पीएम करने वाले डॉक्टर द्वारा घटना में मृतक को आई चोटों का अवलोकन कर मृतक की छाती में चाकू से गंभीर चोट आना बताते हुये हत्या का मामला होने की पृष्टि की गई।
पुलिस टीम द्वारा आरोपी की तलाश कस्बा पिपरिया, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, पुरानी बस्ती आदि स्थानों में किया। सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी फरार होने के लिये ओवर ब्रिज तरफ से रेल्वे स्टेशन जा रहा है। तत्काल कार्यवाही करते हुये ओवर ब्रिज के नीचे से आरोपी पप्पू उर्फ चंद्रभान कोरी को अभिरक्षा में लेकर घटना के संबंध में पूछताछ की। उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुये घटना में प्रयुक्त चाकू रेल्वे स्टेशन पिपरिया के ऑस्टर बनखेड़ी ट्रेक तरफ की झाडिय़ों में फेंकना बताया जिसे आरोपी की निशा देही में जब्त कर आरोपी को मौके पर गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया।
मामले में निरीक्षक गिरीश त्रिपाठी, उपनिरीक्षक भागचंद्र धुर्वे, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, मानिक सिंह बट्टी सउनि गणेश राय, बंसत ढ़ोलेकर, प्रधान आरक्षक विजय सिंह लोधी, प्रकाश खेमरिया आरक्षक अजमेर सिंह परिहार, अफसर खान, मनोहर दायमा, चंद्रप्रकाश साहू, नीलेश मोसिन खान, विकास मेहरा, श्याम धुर्वे, रवीना धुर्वे का योगदान रहा।