इटारसी। नर्मदापुरम जिले के केसला ब्लॉक के जामुनडोल गांव से 2 दिसंबर को कथित तौर पर अगवा हुए 13 वर्षीय स्कूली छात्र का मामला जटिल होता जा रहा है। घायल अवस्था में छात्र इटारसी रेलवे स्टेशन पर मिला, जिसके सिर में चोट आई है। हालांकि, पुलिस की शुरुआती जांच में बच्चे के अपहरण की कहानी संदिग्ध लग रही है।
पुलिस की जांच में विरोधाभास
केसला थाना प्रभारी उमाशंकर यादव ने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और घटनास्थल व रूट के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन बच्चे के बयानों में कई विरोधाभास सामने आए हैं।
- सीसीटीवी में बाइक नहीं : बच्चे ने बताया कि अपहरण के समय उसे मोटरसाइकिल पर ले जाया गया था, लेकिन केसला थाने के सामने लगे सीसीटीवी कैमरों में कोई संदिग्ध मोटरसाइकिल नहीं दिखी है।
- भीड़भाड़ वाला इलाका : बच्चे ने जिस स्थान से अपहरण होने की बात कही है, वह एक भीड़भाड़ वाला इलाका है जहां चाय की दुकान भी है। पुलिस ने यहां भी पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी ऐसी घटना की पुष्टि नहीं की।
- स्कूल से अनुपस्थिति : टीआई यादव के अनुसार, यह बात सामने आई है कि बच्चा कई दिनों से स्कूल नहीं गया था।
बच्चे का बयान और घायल मिलना
बच्चे के अनुसार, वह 2 दिसंबर को जामुनडोल से कालाआखर स्कूल जाने के लिए निकला था। उसने बताया कि रास्ते में एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे जबरन बाइक पर बैठाकर अगवा कर लिया और सीधे इटारसी रेलवे स्टेशन ले आया। बच्चे ने पुलिस को आगे बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उसे एक ट्रेन में बैठा दिया था। जैसे ही ट्रेन धीमी गति से स्टेशन से आगे बढ़ी, उसने अपनी जान जोखिम में डालकर चलती ट्रेन से छलांग लगा दी, जिससे उसके सिर में चोट आई।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
पुलिस ने बताया कि बच्चे की पारिवारिक स्थिति भी असामान्य है। बच्चे की मां काफी समय पहले पिता के शराब पीने के विवाद के कारण घर छोडक़र चली गई थी। बच्चा अकेला रहता है और उसके पिता शराब का सेवन करते हैं। थाना प्रभारी उमाशंकर यादव ने स्पष्ट किया कि पुलिस अभी इस संबंध में कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई है कि बच्चे का वास्तव में अपहरण हुआ था या उसने पारिवारिक/मानसिक तनाव के चलते यह कहानी गढ़ी है। फिलहाल, बच्चे से आगे की पूछताछ जारी है और पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।








