जर्जर भवन का सर्वे होगा, इस वर्ष कुछ एक्शन होगा या केवल रस्म अदायगी

Post by: Rohit Nage

इटारसी। मानसून आते ही हर वर्ष की तरह नगर पालिका ने फिर से शहर के खतरनाक भवनों के लिए सर्वे करना प्रारंभ कर दिया है। तीन दिन में सर्वे रिपोर्ट देने के लिए सीएमओ ने निर्माण शाखा को निर्देशित किया है। यह हर वर्ष की प्रक्रिया है, नगरपालिका केवल सर्वे और नोटिस तक सीमित रहती है। खतरनाक भवनों में रह रहे नागरिक, कारोबार कर रहे दुकानदार भी नोटिस लेकर निश्चिंत हो जाते हैं, अपनी जान जोखिम में डालकर। उन भवनों को खाली नहीं करते, जब छज्जा गिरता है, छत धराशायी होती है, प्लास्टर गिरता है तो नगर पालिका पर ही दोषारोपण किया जाता है। कभी सख्ती की जाए तो कोई एक कोर्ट में जाकर पूरी प्रक्रिया पर ही विराम लगा देता है।

शहर में कुछ व्यावसायिक परिसर बहुत अधिक जर्जर हो गये हैं और उनमें जब-तब घटनाएं भी हो चुकी हैं, बावजूद इसके नगर पालिका ने सख्ती नहीं दिखायी। जरूरत है, जनप्रतिनिधियों के साथ व्यापारियों से बात करके जगह खाली कराने और उन बाजारों को पक्का करके खतरे से बाहर आने की। इस तरह से व्यावसायिक परिसरों की अनदेखी न केवल उसमें व्यापार करने वालों के लिए बल्कि उन दुकानों में अपना काम कराने आने वालों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है। जून माह का पहला सप्ताह चल रहा है, मौसम में बदलाव के संकेत हो रहे हैं और कभी भी बरसात का मौसम शुरू हो सकती है। शहर में ऐसे कुछ बाजार हैं जो लंबे समय से जर्जर अवस्था में हैं। हर साल बरसात के मौसम पहले नगर पालिका ऐसे भवनों, दुकानों और बाजार में रहने वालों को नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।

इस वर्ष कोई सकारात्मक हल खोजा जाएगा या फिर पूर्व वर्षों की तरह ही रस्म अदायगी की जाएगी, देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि हर वर्ष बाजार एवं विभिन्न वार्ड क्षेत्र के जर्जर भवनों का सर्वे तो लिया जाता है लेकिन भवन मालिकों को चेतावनी देकर इति श्री कर दी जाती है। साल दर साल शहर के बाजार क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन से अधिक व्यवसायिक भावनाओं की हालत जर्जर होती जा रही है जिनमें बरसात के मौसम में हद से भी घटित हो जाते हैं और दुकानदार एवं ग्राहकों को भी हादसों का शिकार होना पड़ता है। नगर पालिका प्रशासन को शहर के बाजार क्षेत्र और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जर्जर भवनों को बरसात के मौसम के आने के पहले सर्वे टीम द्वारा चिन्हित कराया जाकर उन्हें नगर वासियों को सुरक्षित रखने की स्थिति में ध्वस्त कराया जाना चाहिए, ताकि भीषण बरसात के मौसम में यदि ऐसे जर्जर भवनों से कोई क्षति की स्थिति निर्मित हो तो कम से कम जनहानि को रोका जा सके।

इनका कहना है….

सर्वे के लिए आदेश दिये जा चुके हैं, तीन दिन में सर्वे की रिपोर्ट हमारे पास आ जाएगी, इसके बाद नोटिस देकर खतरनाक भवन खाली करने को कहा जाएगा। जो लोग नोटिस के बाद भी नहीं मान रहे हैं, उनसे जन प्रतिनिधियों के माध्यम से चर्चा करके हल निकाला जाएगा।

ऋतु मेहरा, सीएमओ नपा

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