इटारसी। महाशिवरात्रि के अवसर पर भोले के भक्तों से शिवालय आबाद हैं। सुबह से ही शिवालयों में पूजन-अभिषेक और दोपहर बाद से भंडारे चल रहे हैं। भोले के भक्त, भांग, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाकर भोले को प्रसन्न करने के जतन कर रहे हैं। भगवान शिव के सबसे बड़े पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों में विभिन्न कार्यक्रम तो होते ही हैं, सतपुड़ा पर विराजे भगवान के दर्शन करने भी लाखों भक्त पहुंचते हैं। तिलक सिंदूर और शरददेव में मेला लगता है। आज मेले में हजारों भक्त भोले के दर्शन करने दोनों स्थानों पर पहुंचे। तिलक सिंदूर मेले में तो भारी भीड़ रही।
नगर से करीब 18 किलोमीटर सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में भोलेनाथ का प्रसिद्घधाम तिलक सिंदूर है। शिवलिंग पर वैसे तो भस्मी चढ़ाने की परंपरा है लेकिन तिलक सिंदूर में पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाया जाता है, तभी भगवान भोलेनाथ भक्त पर प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि ये संभवत: विश्व का इकलौता शिवलिंग है जहां पर भगवान का पूजन अभिषेक सिंदूर से होता है। दरअसल, इस मंदिर का संबंध जनजाति से है और आदिवासी पूजा अर्चना के दौरान सिंदूर का उपयोग करते हैं। आज भी यहां पर प्रथम पूजा का अधिकारी आदिवासी समाज के प्रधान जिसे भौमका कहा जाता है, उनके परिवार को है।
आदिवासी समुदाय भगवान भोलेनाथ को बड़े देव के नाम से पूजता है। तिलक सिंदूर में भोलेनाथ जहां विराज मान है वहां पर आदिवासी गांवों का श्मशान भी है। तिलक सिंदूर में महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेले में करीब 2 लाख से अधिक भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
सुबह से पहुंचे हजारों भक्त

महाशिवरात्रि के अवसर पर लगे मेले में आज सुबह से भी भक्तों का पहुंचना प्रारंभ हो गया था। अल सुबह भक्तों ने पहुंचकर गुफा मंदिर में विराजे शिवलिंग का अभिषेक किया। सुबह से भक्तों का यहां पहुंचना प्रारंभ हो गया था। सुबह 11 बजे के बाद से तिलक सिंदूर में पहुंचने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती गयी और दोपहर बाद स्थिति बेकाबू होकर तिलक सिंदूर पहुंच मार्ग में जाम लग गया। पुलिस ने प्रयास करके जाम को खुलवाकर यातायात दुरुस्त कराया। मार्ग में रुक-रुककर वाहन चलते रहे।
जगह-जगह हुए फलाहारी भंडारे

तिलक सिंदूर मार्ग पर भक्तों के लिए जंगल में जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं ने फलाहारी भंडारे लगाये थे। भक्तों को यहां साबूदाना खिचड़ी, आलू चिप्स, मट्ठा, फल और पेयजल का इंतजाम किया गया था। धार्मिक कार्यों में अग्रणी श्री गौड़ मालवीय ब्राह्मण समाज संगठन इटारसी ने भी तिलक सिंदूर पहुंच मार्ग पर ग्राम झालपा के पास महाशिवरात्रि पावन पर्व पर फलाहारी साबुदाना खिचड़ी, मट्ठा नमकीन, केले श्रद्धालुओं को वितरित किये। तिलक सिंदूर मार्ग पर आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर भंडारे आयोजित किये गये थे।