- प्रकृति को समर्पित पर्व पर सूर्यदर्शन का समय बताया सारिका ने
इटारसी। प्रकृति को समर्पित पर्व छठ पूजा में (गुरूवार 7 नवम्बर को) शाम सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। मान्यतानुसार यह इस 4 दिन के पूजा पर्व का सबसे महत्वूपर्ण दिन माना गया है। इसके अगले दिन 8 नवंबर को सुबह सबरे उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। इसके बाद व्रत तोड़कर प्रसाद वितरण किया जाता है।
इस वर्ष विभिन्न नगरों में सूर्यास्त और सूर्यास्त के समय की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि भारत के पूर्वी नगरों में यह पहले होगा तो पश्चिम के नगरों में कुछ इंतजार के बाद इसे देखा जा सकेगा। सारिका ने बताया कि सूर्योदय का समय का अर्थ है कि उस समय पर सूर्य उदित होना आरंभ होगा तथा सूर्यास्त का अर्थ है कि उस समय पर सूर्य पूरी तरह अस्त हो जायेगा। तो तैयार हो जाईये जीवन को देने वाले सूर्यदर्शन के लिये।
7 नवंबर शाम सूर्यास्त 8 नवम्बर प्रात : सूर्योदय
- सिंगरौली 5 बजकर 16 मिनट 6 बजकर 10 मिनट
- अनूपपुर 5 बजकर 21 मिनट 6 बजकर 12 मिनट
- जबलपुर 5 बजकर 28 मिनट 6 बजकर 19 मिनट
- छिंदवाड़ा 5 बजकर 34 मिनट 6 बजकर 22 मिनट
- भोपाल 5 बजकर 38 मिनट 6 बजकर 29 मिनट
- रायसेन 5 बजकर 37 मिनट 6 बजकर 28 मिनट
- नर्मदापुरम 5 बजकर 38 मिनट 6 बजकर 27 मिनट
- बैतूल 5 बजकर 38 मिनट 6 बजकर 26 मिनट
- हरदा 5 बजकर 41 मिनट 6 बजकर 29 मिनट
- सीहोर 5 बजकर 39 मिनट 6 बजकर 31 मिनट
- उज्जैन 5 बजकर 45 मिनट 6 बजकर 36 मिनट
- इंदौर 5 बजकर 45 मिनट 6 बजकर 35 मिनट
- रतलाम 5 बजकर 47 मिनट 6 बजकर 39 मिनट
- नीमच 5 बजकर 48 मिनट 6 बजकर 42 मिनट
- खरगौन 5 बजकर 49 मिनट 6 बजकर 35 मिनट
- झाबुआ 5 बजकर 50 मिनट 6 बजकर 40 मिनट
- बड़वानी 5 बजकर 50 मिनट 6 बजकर 38 मिनट
- इटानगर 4 बजकर 28 मिनट 5 बजकर 30 मिनट
- पटना 5 बजकर 04 मिनट 6 बजकर 02 मिनट
- जयपुर 5 बजकर 39 मिनट 6 बजकर 41 मिनट
- बांसवाड़ा 5 बजकर 50 मिनट 6 बजकर 42 मिनट
- जोधपुर 5 बजकर 51 मिनट 6 बजकर 51 मिनट
- सोमनाथ 6 बजकर 04 मिनट 6 बजकर 52 मिनट