आदिवासियों ने जतायी धर्मांतरण पर चिंता, आदिवासी विधानसभा सीट की मांग

Post by: Rohit Nage

  • केसला ब्लॉक के सहेली खेल स्टेडियम में विश्व आदिवासी दिवस पर जुटे हजारों आदिवासी
  • जंगल और जमीन बाहरी कंपनियों को देने से रोकने राष्ट्रपति को दिया जाएगा एक ज्ञापन
  • आदिवासियों की आजीविका के साधन प्राकृतिक महुआ, गुल्ली, अचार का समर्थन मूल्य मांगा

इटारसी। विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर केसला (Kesla) के सहेली स्टेडियम (Saheli Stadium) में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग एकत्र हुए। केसला ब्लॉक के गांव-गांव से आदिवासी परिवार सहित यहां पहुंचे थे। एक रैली ग्राम टांगना (Village Tangana) से जमानी (Zamani), पुरानी इटारसी (Old Itarsi) होकर केसला खेल स्टेडियम पहुंची। इसी तरह से केसला, काला आखर (Kala Akhar), सुखतवा (Sukhatwa) के आसपास, ग्रामीण अंचलों से भी रैली खेल स्टेडियम पहुंची थी।

एक अनुमान के मुताबिक करीब दस हजार आदिवासी कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होंने पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम तो पेश किये, बल्कि अपनी संस्कृति को बचाने पर भी अपने विचार व्यक्त किये। खासकर केसला ब्लॉक में हो रहे धर्मांतरण भी पर चिंता व्यक्त की। सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि केसला ब्लॉक में आदिवासियों की अधिक संख्या होने से इस विधानसभा को आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। यह भी चिंता जतायी कि जंगल, जमीन बाहर की कंपनी को दिये जा रहे हैं जिस पर रोक लगाया जाए।

पेसा एक्ट (PESA Act) ब्लॉक में लागू है, इसका अधिकार पूरी तरीके से ग्राम समिति को दिया जाए, बाहर से आने वाली देसी विदेशी कंपनियों को जंगल जमीन देना बंद किया जाए, आदिवासी सांस्कृतिक की भाषा का स्कूल लगाया जाए, कई वर्ष से ब्लॉक में धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, जो अपने देवी देवता बड़ा देव को नहीं मान रहा है, उस पर रोक लगाई जाए। आदिवासी की जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर के रखा है, उनको वापस दिया जाए, प्राकृतिक महुआ, गुल्ली, अचार का समर्थन मूल्य किया जाए, संविधान को बचाने की बात कही, जो धीरे-धीरे नष्ट होते जा रहा है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को अवकाश घोषित किया जाए।

तय किया है कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू (President Smt. Draupadi Murmu) को ज्ञापन दिया जाएगा, वन अधिकार कानून 2006 से लागू किया जाए जिससे देश के गरीब आदिवासियों को अधिकार मिले, जिले में आदिवासी पर झूठे वन अपराध खत्म किया जाएं। आदिवासियों का कहना था कि ब्लॉक के सामने से स्टेडियम तक रैली के समय केसला पुलिस बल उपस्थित नहीं रहा, उचित कार्रवाई हो, भारी वाहन का आना जाना लगा रहा। समिति के लोगों ने 2 किलोमीटर मोर्चा संभाला।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य सीमा कासदे, केसला जनपद अध्यक्ष गंगाराम कलमे, प्रदेश संयोजक दुर्गेश धुर्वे, कल्याण समिति केसला के अध्यक्ष ईश्वरदास उईके, फागराम सेलुस्कर आदिवासी तिलक सिंदूर समिति संरक्षक सुरेंद्र कुमार धुर्वे, अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद नागले, तारा वरकडे, विनोद वारिवा सहित अन्य हजारों की संख्या महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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