रितेश राठौर, केसला/इटारसी। समाजवादी जनपरिषद के बैनर तले आज आदिवासियों ने बारिश में भीगते हुए जनपद पंचायत कार्यालय जाकर मुख्यमंत्री के नाम सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा।केसला क्षेत्र से लगभग एक दर्जन गांवों के लगभग एक सैंकड़ा महिला एवं पुरुष केसला आम के बगीचा संगठन कार्यालय में इक_े हुए और दो-दो की कतार में रैली की शक्ल में हाथ में झंडा-बैनर लेकर चले और नारे लगाते हुए जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचे।
वनभूमि में काबिज जमीन का पट्टा देना होगा, देना होगा, गैर आदिवासियों को वन अधिकार कानून के तहत वनभूमि के जमीन का पट्टा देना होगा, देना होगा। वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाना होगा, बनाना होगा। इस तरह से नारे लगाते हुए, केसला जनपद पंचायत मुख्यालय में जाकर तहसीलदार हीरूसिंह धुर्वे को ज्ञापन दिया। समाजवादी जनपरिषद के राष्ट्रीय सचिव फागराम ने ज्ञापन पढ़कर सुनाया। तहसीलदार ने कहा कि वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, आपका ज्ञापन संबंधितों को भेजकर अवगत कराया जायेगा। इसके अलावा लोगों ने व्यक्तिगत आवेदन भी दिये।
आदिवासियों ने कहा कि सरकार कंपनियों एवं पूंजीपतियों को लाखों हेक्टेयर भूमि जमीन मुनाफा कमाने के लिए दे रही तो इस देश के गरीब आदिवासी, दलितों को अपनी जमीन में मेहनत करके जीवन निर्वाह करना चाहते हैं तो सरकार क्यों नहीं रहने दे रही है। इस मौके पर महेश बरखने, संतोष बरखने, सुगंती बाई कासदे, सेवंती बाई शीलूकर, नरेश कुमार मेहरा, फगनी बाई विश्वकर्मा, हरिराम, पूनम उईके, राधा किन्नर, सोनम, नीलू, शारदा बिसतोरी बाई, वंश गोपाल, रावल सिंह, कपिल खंडेलवार, फागराम आदि उपस्थित रहे।
सात सूत्रीय ज्ञापन में ये मांगें
- गांवो, पंचायत, ब्लॉक व जिला में लंबित पड़े वनाधिकार कानून के तहत व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों को जल्द से जल्द निराकरण कर वनभूमि में काबिज जमीन का पट्टा दिया जाये।
- गैर आदिवासियों को वनभूमि में काबिज जमीन का पट्टा वनाधिकार कानून के तहत दिया जाये और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाये।
- पूर्व में दिए गए पट्टों का व काबिज जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करके पट्टों को सुधारा जाए।
- वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाये। वनाधिकार पट्टों व रकबों का आनलाइन साइड बनाया जाये।
- अतिक्रमण हटाने के नाम पर पट्टेधारियों की जमीन को वन विभाग द्वारा जेसीबी से खोदे गए गड्ढों को वापस समतल कराया जाये। जिससे गरीब किसान खेती अच्छे से कर सके।
- गरीबों पर झूठे केस बनाना बंद किया जाए, और पूर्व में लगाये गये केस को रद्द किया जाए।
मुवावजा के लिए दर दर भटक रहे
सरकार भूमि अधिग्रहण कर लेती है और गरीब आदिवासी किसानों को जमीन का मुवावजा नहीं देती है, समाजवादी जनपरिषद ने नाराजी जाहिर की है। नर्मदापुरम जिला के जनपद पंचायत केसला के ग्राम पंचायत चांदकिया में करोड़ों का एक बांध बनाया जा रहा है, जिसमें साठ गरीब किसानों की जमीन सरकार ने अधिग्रहण कर ली है। मगर सरकार ने अभी तक किसानों को एक रुपए भी मुवावजा नहीं दिया है। गरीब किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक गये हैं। उन्होंने कलेक्टर को तीन-तीन बार पत्र व्यवहार कर संवाद किया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ, सिर्फ आश्वासन ही मिला कि मुवावजा मिल जायेगा। इसकी शिकायत किसानों ने केसला तहसीलदार हीरूसिंह धुर्वे से की है। तहसीलदार ने कहा पता करेंगे कि क्या दिक्कतें आ रही हैं। किसानों ने कहा कि हमको अगर मुवावजा नहीं मिलता है तो सड़क में आकर लडऩे के अलावा कोई चारा नहीं है।