नर्मदापुरम। धोखाधड़ी (Fraud) मामले में जमानत (Bail) याचिका खारिज होने की आशंका पर दो आरोपी नर्मदापुरम कोर्ट (Narmadapuram Court) से भाग निकले। अब पुलिस (Police) उनकी तलाश कर रही है। इन पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा माखननगर थाने में दर्ज है।
इस प्रकार है मामला
पुलिस के मुताबिक फरियादी किसान प्रदीप मीणा निवासी माखननगर (Makhannagar) ने करीब 3 साल पहले करीब 648 क्विंटल अनाज बागरा रोड स्थित अनिल डेरिया के वेयरहाउस Warehouse()में रखा था। अनाज रखने के सारे दस्तावेज किसान के पास रखे हैं। लॉकडाउन (Lockdown) के बाद किसान अपना अनाज वेयरहाउस से निकालने गया, तो मुनीम अशोक व्यास और संचालक अनिल डेरिया ने यह कहकर मना कर दिया कि यहां कोई अनाज नहीं रखा है। किसान को संचालक और मुनीम 3 साल तक अलग-अलग बहाना बनाकर टरकाते रहे। इसके बाद किसान ने पुलिस थाने में शिकायत की। मामले की जांच के बाद वेयरहाउस के संचालक अनिल डेरिया और उसके मुनीम धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज किया। बाद में उसे नोटिस पर छोड़ दिया था। गुरुवार को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अनुभूति गुप्ता (First Class Magistrate Anubhuti Gupta) की कोर्ट में चालान पेश हुआ।
नर्मदापुरम जिला न्यायालय परिसर में स्थित प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में कठघरे से लाखों रुपए की धोखाधड़ी के दो आरोपी भाग गए। सराफा व्यापारी/डेरिया वेयरहाउस के मालिक व मुनीम दोनों आरोपी जमानत खारिज होने की संभावना के चलते न्यायिक अभिरक्षा से भाग निकले। जिसके बाद हड़कंप मच गया। दोनों वेयरहाउस संचालक और मुनीम दोनों की कोतवाली और माखननगर पुलिस तलाश का रही है। देर रात कोतवाली थाने में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट के लिपिक की सूचना पर अनिल डेरिया और अशोक व्यास के खिलाफ आईपीसी की धारा 224 के तहत केस दर्ज किया। रात में आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है। आरोपी डेरिया के परिवार और कुछ परिचित लोग भी कोतवाली थाने पहुंचे।
जमानत की याचिका लगाई
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभूति गुप्ता की कोर्ट में चालान लगाया। पुलिस ने आरोपी अनिल डेरिया और अशोक व्यास को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कोर्ट में पेश किया। आरोपी पक्ष ने जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया। फरियादी प्रदीप मीणा के अधिवक्ता अनूप सिंह तोमर ने जमानत याचिका पर आपत्ति लेते हुए पुराने अपराधों का हवाला दिया। जमानत याचिका निरस्त होने का होने पर आरोपी अनिल डेरिया और अशोक व्यास कठघरे से चुपचाप भाग निकले। कोर्ट के मोहर्रर कमल मस्कोले ने उनका पीछा भी किया, लेकिन वे भागने में सफल हो गए। अब कोर्ट के लिपिक सुनील रघुवंशी ने कोतवाली थाने में लिखित आवेदन देकर एफआईआर (FIR) कराई।