- पंकज पटेरिया, भोपाल
प्रदेश के नशे से हल्कान सिवनी छपारा (Seoni Chhapara) ब्लाक के गांव, बिहिरिया अंजीनिया में नशे के कारोबारियों और पियक्कड़ों के खिलाफ एक अनूठी जंग शराबियों की पत्नियों ने जिले के एक डॉ. पारस पटेरिया (Dr. Paras Pateria) की प्रेरणा से छेड़ रखी है। नतीजतन पियक्कड़ के होश हिरण हो रहे हैं, तो शराब विक्रेताओं की जान सांसत में आ गई।
नेपथ्य की कहानी यह बताई जाती है कि पिछले दिनों से गांव में शराब दुकानदारी का बढ़ता प्रभाव और वहां के निवासी ग्रामीणों की शराब पीने की लत से इन ग्रामीणों की पत्नियों की परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। वहीं के पियक्कड़ों के लड़ाई झगड़ा, गाली गलौज और गृह कलह से परिवार की शांति भंग हो रही थी। गांव में भी माहौल बिगड़ रहा था। तभी जिला अस्पताल (District Hospital) के एक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पारस पटेरिया को इन हालातों को पता लगा तो उन्होंने महिलाओं को बहुत बढिय़ा प्रेरणा दी।
उन्होंने गांव की महिलाओं को मुंह से बजाने वाली सीटी का सुझाव दिया कि गांव के दुकान पर जैसी उनके पति या कोई और शराब पीने जाएं तो एक साथ मिलकर सब सीटियां बजाना शुरू कर दें। डॉ. साहब की प्रेरणा रंग लाई, और जैसे ही कोई शराब पीने जाता या पीने लगता अथवा उत्पात मचाने लगता तो उनकी पत्नियां या अन्य महिलाएं सीटी बजाना शुरू कर देतीं।
एक साथ बजती सीटियों की आवाज से ऐसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता कि शराबियों का नशा छू मंतर हो जाता और वे दाएं बाएं भागते नजर आते और शराब विक्रेताओं के पांव के तले की जमीन भी सरकने लगती है। इस बेहतरीन पहल की जहां खासी सराहना हो रही है, वहीं इस शांति पूर्ण जंग शैली के प्रभाव से आसपास के अन्य गांव में भी असरकारी प्रतिक्रिया हो रही है। शहर में लोग भी इसे गांधीवादी शैली बताकर खासी चर्चा कर स्वागत कर रहे हैं।