इटारसी। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम ने विभिन्न ग्रामों को विस्थापित किया। लेकिन कहीं-कहीं ऐसे ग्रामों में अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाई। शासन ने 1 साल में सही तरीके से विस्थापन की बात की थी। मामला विस्थापन गांव खामदा भाग-2 का है, जहां 34 परिवार हैं। यहां के लोगों का कहना है कि ग्रामीणों को अभी तक किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पाई है जबकि विस्थापन को 4 साल होने को हैं। अभी तक जमीन का वितरण नहीं किया है जिससे हमारा परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं। हमारी आर्थिक स्थिति की बहुत कमजोर हो गई।
आदेश क्रमांक 12160 विस्थापन 2021 अंतर्गत शासन को विस्थापन किया जाना था। आदिवासियों के युवा नेता विनोद वारीबा का कहना है कि 1 साल तक झूलते रहे लेकिन कागजी कार्रवाई 2021 में ही कर दी गई थी और विस्थापन 2022 में किया जिससे युवक-युवती लाभ से वंचित हो गए। अभी अभी तक शासन के जिम्मेदार अफसर गरीब परिवारों से मिलने नहीं पहुंचे। वन विभाग जैसे-तैसे अपनी शर्त पूरी कराके विस्थापन कर दिया है लेकिन विस्थापन परिवार को लाभ नहीं मिलने के कारण काफी आक्रोश है और विस्थापित 34 परिवार वापस अपने गांव जाने की योजना बना रहे हैं।
ग्रामीणों ने अपने नेताओं की अपनी पीड़ा बतायी। इस दौरान विस्थापन ग्राम अध्यक्ष रमेश पंद्राम, फौजी लाल पंद्राम, होजरी लाल पंद्राम, महेश, दिनेश पंद्राम, सुखदेव, राजेंद्र, सहदेव, रईस, हरपाल, नीरज, अशोक, लालमन, प्रभात, सुभाष, सहजराम सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।