इटारसी। विश्व हिंदू परिषद की महिला विंग ने चामुंडा चौराहा स्थित पंचवटी हनुमान मंदिर में सीता नवमी मनायी।
संगठन की जिला संयोजिक तरुणा सोनी ने मां सीता के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मां सीता ने अपने लव कुश पुत्र को जन्म देने के लिए प्रभु श्री रामचंद्र से वनवास मांगा क्योंकि मां सीता अपने पुत्रों को आश्रम में जन्म देकर उन्हें संस्कारवान बनाना चाहती थी।
मां सीता के इस चरित्र से नारियों को यह सीख लेनी चाहिए कि जब माताएं गर्भवती होती हैं, उस समय अपने बच्चों को गर्भ में जो संस्कार दिए जाते हैं वह उनका चरित्र बनता है। उस समय रामायण पढऩा एवं सत्संग सुनना चाहिए। हर परिस्थिति में मां सीता प्रभु श्री राम जी के संग 14 साल वनवास में रही वैसे ही धर्म के कार्यों में हर नारी को अपने जीवन साथी का साथ हर परिस्थिति में देना चाहिए।
इटारसी नगर संयोजिक अनिता तिवारी ने मां सीता के चरित्र पर कहा कि सीता मां राजा जनक की पुत्री होते हुए प्रभु श्री राम के साथ 14 साल वनवास को चली गई। धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने सारे दुख सहे और धर्म पत्नी का कर्तव्य निभाया। ऐसे ही हम सभी नारियों को सत्य के लिए हमेशा लडऩा चाहिए कभी पीछे नहीं हटना चाहिए व हार नहीं माननी चाहिए। सीता नवमी के इस पावन उत्सव में उपस्थित सभी महिलाओं ने मिलकर मां सीता के भजन एवं हनुमान चालीसा का पाठ किया तत्पश्चात मां सीता की आरती करके प्रसाद वितरण किया।
इस अवसर पर सत्संग प्रमुख अर्चना सातपुते, रानी मनवारे, नंदिनी राजपूत, अंजलि नगाइच, मीरा तिवारी, सुमन चौहान, मालती दुबे, कनक मालवीय, उषा यादव, सुषमा यादव, पार्वती पटेल, हेमा गुप्ता, रश्मि ठाकुर, आशा गोस्वामी, प्रीति मालवीय, सारिका ठाकुर आदि महिलाएं उपस्थित रहीं।