इटारसी। आज केसला जनपद के सीईओ रंजीत ताराम को चौकीपुरा ग्राम पंचायत अंतर्गत कासदा रैयत रेत खदान के श्रमिकों ने पांच बिंदुओं की मांगों का ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की है कि लगभग दो वर्षों से रेत खदान से जुड़े मजदूर एवं भाड़ा ढोने वाले मजदूर बेरोजगार हैं।
रेत खदान का काम चलने से लोगों के घर के चूल्हा जला करते थे। लेकिन काफी अंतराल से मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है एवं खदानों से जुड़े श्रमिक पलायन करने को मजबूर हैं। इसी तरह पेसा कानून के संबंधित पंचायत स्तरीय समिति की बैठक में निर्णय लिया कि गरीबों के लिए पेसा कानून, वन अधिकार कानून और पांचवी अनुसूची ला दी गई है, पर जमीनी स्तर पर हालात कुछ और ही हैं, आज भी खनिजों की खदान पर कंपनियों का राज है। चाहे सरकार कितना भी पेसा कानून का वर्णन करती रहे, केसला ब्लाक में खदानें काफी समय से बंद होने से खदानों से जुड़े श्रमिक बाहर मजदूरी करने के लिए मोहताज हंै एवं दिनभर काम करने के बाद शाम को परिवार का चूल्हा जलता है।
इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए कासदा रैयत रेत खदान से जुड़े श्रमिकों ने आज जनपद पंचायत के सीईओ रणजीत ताराम को एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम दिया है। इस मौके पर उमेश इरपाचे जनपद पंचायत सदस्य ने कहा कि काफी समय से रेत खदान बंद हैं, हम शासन से अनुरोध करते हैं कि केसला ब्लाक अंतर्गत आने वाली जितनी भी खनिज खदानें हैं, उन्हें शीघ्र पुन: चालू करके लोगों को काम दिया जाए जिससे उनकी जिंदगी सुचारू रूप से चल सके। अगर शासन ने निश्चित समय पर खदान चालू नहीं की तो हम लोग आंदोलन करेंगे।
राष्ट्रीय सचिव समाजवादी जन परिषद फागराम ने कहा कि सरकार पेसा कानून और पांचवी अनुसूची का ढिंढोरा पीटते रहती है, पर आज भी यहां के निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर पेसा एक्ट के अध्यक्ष नारायण सिंह इरपाचे, जनपद सदस्य उमेश सिंह इरपाचे, सरपंच ग्राम पंचायत भरगदा अमरनाथ कलमे, अनिल पवार, इकबाल खान, संजय पटेल, घनश्याम उईके, पप्पू उईके, मंजू मर्सकोले, मोहन यादव, माखन यादव आदि उपस्थित रहे।